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4 साल में 8 बार हुआ ट्रांसफर: अब IAS अफसर ने की बगावत, चैट वायरल

Admin2
16 Jun 2021 2:36 PM GMT
4 साल में 8 बार हुआ ट्रांसफर: अब IAS अफसर ने की बगावत, चैट वायरल
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डेपुटेशन में की ये डिमांड

मध्य प्रदेश कैडर के IAS अधिकारी लोकेश कुमार जांगिड़ इन दिनों सुर्खियों में हैं. उनके चर्चा में होने की एक एक-दो नहीं बल्कि कई हैं. अव्वल तो ये कि लोकेश कुमार जांगिड़ ने 11 जून को DoPT के सचिव और MP के मुख्य सचिव को इंटर कैडर प्रतिनियुक्ति पर 3 वर्ष के लिए मध्य प्रदेश से महाराष्ट्र जाने के लिए आवेदन किया है. इस पत्र में डेपुटेशन के लिए वैसे तो उन्होंने पारिवारिक कारणों को वजह बताया है लेकिन माना ये जा रहा है कि जांगिड़ बार-बार तबादला होने से परेशान हैं. महज़ 4 साल की नौकरी में उनका 8 बार ट्रांसफर किया जा चुका है. इतना ही नहीं लोकेश जांगिड़ की IAS एसोसिएशन के ऑफिसियल ग्रुप में हुई चैट वायरल होने के बाद उनके डेपुटेशन मांगने के पीछे के कई और कारण भी निकल कर सामने आ रहे हैं. इस चैट में लोकेश जांगिड़ बड़वानी कलेक्टर पर गंभीर आरोप लगाते हुए उनकी कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं. उन्होंने ये भी लिखा है कि वो एक किताब लिखेंगे जिसमें इन अनुभवों को साझा करेंगे.

लोकेश कुमार जांगिड़ को हाल ही में बड़वानी के अपर कलेक्टर पद से हटाया गया था. उनकी नियुक्ति राज्य शिक्षा केन्द्र में की गई थी. वैसे तो उनके तबादले को प्रशासनिक जमावट के लिहाज से बताया गया, लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जांगिड़ ने बड़वानी में कोरोना के दौरान ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर की खरीदी में गड़बड़ी का मुद्दा उठाया था. बताया गया कि जो कन्सन्ट्रेटर करीब 40 हज़ार में खरीदे जा सकते थे, उन्हें 60 हज़ार तक मे खरीदा गया. जांगिड़ ने जब इस पर लगाम लगाने की कोशिश की तो फिर उनका तबादला कर दिया गया. लोकेश कुमार जांगिड़ की जो चैट वायरल हुई. उसमें उन्होंने लिखा है कि बड़वानी कलेक्टर शिवराज वर्मा ने सीएम के कान भरे जिस वजह से उन्हें हटाया गया है. लोकेश कुमार जांगिड़ का साल 2016 से 2021 के बीच 4 साल की नौकरी में 8 बार तबादला किया जा चुका है. जांगिड़ की पोस्टिंग श्योपुर और शहडोल में बतौर एसडीएम की गई. उन्हें रेवेन्यू डिपार्टमेंट में अवर सचिव और नगरीय प्रशासन विभाग में उपसचिव पदस्थ किया गया. एडीएम गुना, सीईओ जिला पंचायत हरदा, अपर मिशन संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र में नियुक्त किया जा चुका है. इसके बाद उन्हें बड़वानी में अपर कलेक्टर बनाया गया था लेकिन यहां से भी उनका तबादला कर दिया गया और फिर उन्हें राज्य शिक्षा केंद्र में पदस्थ कर दिया गया था.

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