दरअसल यह एक प्रकार का सेंसर है, जो टचलेस टच सेंसर के नाम से जाना जाता है। इसे सेंटर फॉर नैनो एंड सॉफ्ट मैटर साइंस (CeNS) और जवाहरलाल नेहरू सेंटर फॉर एडवांस्ड एंड साइंटिफिक रिसर्च (JNCASR) के वैज्ञानिकों ने मिलकर विकसित किया है।
टचलेस टच सेंसर को एक खास प्रिंटिंग तकनीक के जरिए तैयार किया गया है। रिसर्चर्स के अनुसार, इसके लिए सेमी ऑटोमेटेड प्रोडक्शन प्लांट लगाया गया है। यहां 300 माइक्रोन के रिजोल्यूशन वाले प्रिंटेड ऐडेड पैटर्न का प्रोडक्शन किया जाएगा। ये एक तरह के पारदर्शी इलेक्ट्रोड्स हैं, जिन्हें टचलेस स्क्रीन की तकनीक में इस्तेमाल किया जा सकता है। ये रिसर्च हाल ही में मैटेरियल्स लेटर्स जर्नल में भी प्रकाशित हुई है। रिसर्च में शामिल वैज्ञानिक आशुतोष के सिंह का कहना है कि उनकी टीम ने एक ऐसा टच सेंसर बनाया है जो डिवाइस से 9 सेंटीमीटर की दूरी से भी नजदीकी या आसपास मंडराने वाली चीजों के स्पर्श को महसूस करता है। यानी, बिना टच किए ही ये स्क्रीन आपके निर्देशों को फॉलो कर लेगी।
इन पारदर्शी इलेक्ट्रोड्स को स्मार्ट इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, जैसे टचलेस स्क्रीन और सेंसर में इस्तेमाल किए जाने की काफी संभावना है। यह टचलेस टच सेंसर तकनीक छूने से फैलने वाले वायरस के संक्रमण की रोकथाम में मदद कर सकती है।