मुंबई Mumbai। महाराष्ट्र में बीफ के शक में बुजुर्ग से मारपीट के मामले में पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए 2 धाराएं और जोड़ दी हैं. ठाणे पुलिस ने इस केस में जानबूझकर किसी अन्य व्यक्ति की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए शब्दों का प्रयोग करना (BNS की धारा 302) और डकैती या डकैती करते समय घातक हथियार का उपयोग करना या किसी व्यक्ति को गंभीर चोट पहुंचाना (BNS की धारा 311) को जोड़ा है. इन मामलों में दोष साबित होने पर कम से कम 7 साल की सजा होती है. assault on an elderly person
बता दें कि इस मामले में 72 साल के बुजुर्ग पर हमला करने के आरोपी को अदालत ने बिना शर्त जमानत दे दी थी. इसके बाद पुलिस ने जमानत रद्द करने की मांग की थी और इस आवेदन के बाद अदालत ने जमानत रद्द करने का आदेश दिया था. आदेश के बाद जांच अधिकारी को जमानत पर आए 3 आरोपियों को गिरफ्तार करने की अनुमति मिल गई.
धुले-मुंबई एक्सप्रेस में हमले का शिकार हुए जलगांव के बुजुर्ग (72) मोहम्मद अशरफ अली हुसैन से जब आजतक की टीम बात करने पहुंची तो उन्होंने बताया,'ट्रेन में कुछ लोगों के हमला करने के बाद उनकी आंख में गंभीर चोट आई है. मूत्र मार्ग में चोट और तंत्रिका तंत्र से जुड़ी समस्याएं हो गई हैं.'
मोहम्मद अशरफ अली ने कहा,'मामले में गिरफ्तार आरोपियों को जमानत मिल गई. यह मेरे साथ अन्याय है और मैं न्याय की मांग करता हूं. मैं अपनी आंखों से ठीक से देख नहीं सकता. मेरे मूत्र मार्ग से खून आ रहा है, उन्होंने मुझे वहां लात मारी थी. मैं ज्यादा बात नहीं कर सकता. मुझे सीने में दर्द है. मुझे भारत की अदालतों पर भरोसा है और मुझे न्याय मिलेगा. मेरे साथ जो हुआ वह किसी और के साथ नहीं होना चाहिए.