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सोसायटी के लोग हुए आक्रोशित
ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा वेस्ट की पॉश सोसाइटी निराला ग्रीनशायर में एक अनोखा मामला सामने आया है। अभी तक निवासियों की शिकायत थी कि आवारा कुत्ते बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं पर अटैक कर रहे हैं, मगर आज एक आवारा कुत्ते ने एक पालतू कुत्ते को काट लिया है। इस घटना के बाद सोसाइटी के निवासियों में रोष है। लोगों का कहना है कि आवारा कुत्तों को सोसाइटी से बाहर निकालना जरूरी हो गया है। दूसरी तरफ सोसायटी में रहने वालों का एक वर्ग ऐसा भी है, जो आवारा कुत्तों को पसंद करता है। सोसायटी के लोगों ने बताया कि जिस आवारा कुत्ते ने बुधवार की सुबह पालतू कुत्ते बिंगो पर जानलेवा हमला किया है, वह पहले भी एक पालतू कुत्ते की हत्या कर चुका है।
निवासियों का कहना है कि अब तो आवारा कुत्ते और ज्यादा खतरनाक हो गए हैं। अब तो पालतू कुत्तों पर ही हमला करने लग गए। कपिल खरे कहते हैं कि मामला गंभीर ही नहीं बल्कि और चिंताजनक हो गया है। अब तो एक्शन लेना और ज्यादा जरूरी हो गया है।" सनी पुरी के पास एक पग नस्ल का कुत्ता है। उन्होंने बताया, "मैं सुबह वॉक पर जाता हूं और आज मैं मेरे बेटे को छोड़ने के लिए स्कूल चला गया था। मेरी पत्नी डॉगी को लेकर निकली थीं। लॉबी से निकलते ही एक आवारा डॉगी पीछे से आया और मेरे डेढ़ साल के डॉगी बिंगो के कान को काट लिया। पत्नी के हाथ में छड़ी थी तो किसी तरह बचा लिया गया। छड़ी न होती तो सोचिये वो कितनों पर हमला करता।" आवारा कुत्तों ने पालतू कुत्ते पर पहले भी हमला किया है। कुछ दिन पहले मेन्टेन्स ऑफिस के पास काट लिया था। निवासियों ने बताया कि ये आवारा कुत्ता पूरे समय यहीं बैठा रहता है और पहले भी कई बच्चों और बुजुर्गों को काट चुका है। सनी पूरी ने बताया कि ये पहली दफा नहीं हुआ है। पहले भी इसी कुत्ते ने अटैक किया था और एक पालतू कुत्ते को बुरी तरह से घायल कर दिया था कि उसकी जान ही चली गई थी। मालिक के हाथ में छड़ी नहीं थी, इसीलिए मालिक बस देखता रह गया। चीख पुकार करता रहा लेकिन कोई नहीं बचा सका था और वो तड़प तड़प कर उसी के सामने मर गया था।
कपिल खरे कहते हैं, "आज तक तो कुत्ते बच्चे और बुजुर्गों को काट रहे थे, अब ये कुत्तों पर भी अटैक कर रहे है। मतलब, अब तो सोसाइटी में हमारे पेट्स भी सुरक्षित नहीं हैं। हमारे हाथ बंधे हैं। हम समझ नहीं पा रहे हैं कि क्या करें और क्या न करें? क्यूंकि हर बात पर मुद्दा खड़ा हो जाता है। स्ट्रीट डॉग लवर्स एक तरफ और डॉग हेटर्स एक तरफ होते हैं। कोई कैसे समझाए कि ये कोई फाइट नहीं है। सबको अपने बच्चों से प्यार है। चाहे अपना बच्चा हो या कुत्ते का बच्चा, कोई भी उनको तकलीफ देगा तो बुरा तो लगेगा ही।" सनी पुरी ने बताया, "बिल्डर ने सोसाइटी में कई जगह खाली छोड़ दी हैं। वहां से आवारा कुत्ते आ जाते हैं। साथ ही यहां के निवासी आवारा कुत्तों को कहीं भी खाना खिला देते हैं। बालकनी से नीचे फेंक देते है या कमरों के बाहर रख देते हैं। कार चलाते वक्त, बेसमेंट में और ग्रीन एरिया में सभी जगह फीड करवाते हैं। कोई इन्हें टोक देता है तो लड़ने पर उतारू हो जाते हैं।"
सनी पुरी इलाज के लिए अपने कुत्ते को डॉक्टर के पास ले गए। उन्होंने बताया कि वेटेनरी डॉक्टर ने हमसे पूछा कि क्या वो आवारा कुत्ता वक्सीनेटेड था। अब वो था या नहीं हमें क्या पता? क्यूंकि पट्टा तो है नहीं उसके गले में, जो साबित करे कि ये कम्यूनटी डॉग है। जब वेट ने पूछा तो हमारे पास जवाब नहीं था। अब 800 रुपये जो लगे वो अलग और जो हमारे बिंगो के एक के बाद एक रेबीज के शॉट्स लगे वो अलग। ऑफिस बिगड़ा और दिन बिगड़ा वो अलग है। इसी हफ्ते में तीन शॉट्स और लगेंगे। फिलहाल बिंगो शॉट्स और ड्रेसिंग के बाद घर लौट गया है। सनी पुरी के अनुसार इस बारे में शिकायत लेकर एक जुट होकर जब मेन्टेन्स डिपार्टमेंट गए। वहां से संतोषजनक जवाब नहीं मिला। फैसिलिटी मैनेजर छुट्टी पर हैं। कल बात करने को कहा है।
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Shantanu Roy
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