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भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बताया अंगूठा छाप, कांग्रेस ने बवाल के बाद डिलीट किया पोस्ट

jantaserishta.com
19 Oct 2021 4:11 AM GMT
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बताया अंगूठा छाप, कांग्रेस ने बवाल के बाद डिलीट किया पोस्ट
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बेंगलुरु: कर्नाटक में 30 अक्टूबर को दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं. इसे लेकर राज्य में चुनाव प्रचार तेज हो गया है, लेकिन इसी बीच कर्नाटक कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को लेकर एक ऐसा ट्वीट किया है, जिस पर बवाल खड़ा हो गया है.

कर्नाटक कांग्रेस की ओर से किए गए एक ट्वीट में पीएम मोदी को 'अंगूठा छाप' बताया गया है. कन्नड़ भाषा में किए गए इस ट्वीट में कांग्रेस ने लिखा, 'कांग्रेस ने स्कूल बनवाए. मोदी ने पढ़ाई नहीं की. वयस्कों की शिक्षा के लिए योजना लेकर आए, तब भी उन्होंने पढ़ाई नहीं की. भीख मांगने पर रोक है, लेकिन भीख मांगकर आसान जीवन जाने वाले लोगों को भिखारी बना रहे हैं. देश 'अंगूठा छाप मोदी' की वजह से भुगत रहा है.'
कर्नाटक कांग्रेस के इस ट्वीट पर बवाल भी शुरू हो गया. बीजेपी कर्नाटक (BJP Karnataka) की प्रवक्ता मालविका अविनाश ने कहा, 'इतना नीचे सिर्फ कांग्रेस ही गिर सकती है.' वहीं, कर्नाटक कांग्रेस की प्रवक्ता लावन्या बल्लाल ने माना की उस ट्वीट का लहजा सही नहीं था. हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि इस ट्वीट को वापस लेने या माफी मांगने का कोई कारण नहीं दिखता.
इस ट्वीट को लेकर अब कांग्रेस में भी हलचल शुरू हो गई है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार (DK Shivakumar) ने सोशल मीडिया टीम को इस ट्वीट को हटाने का आदेश दिया है. इसके साथ ही उन्होंने इस ट्वीट को करने वालों पर सख्त कार्रवाई करने की बात भी कही है. उन्होंने कहा कि इस तरह की भाषा बर्दाश्त नहीं की जा सकती.
इतना ही नहीं, डीके शिवकुमार ने इसके बाद ट्विटर पर माफी भी मांगी और बताया कि ये 'नौसिखिए' की गलती थी. उन्होंने लिखा, 'मेरा हमेशा से मानना है कि राजनीतिक चर्चा में नागरिक और संसदीय भाषा होना जरूरी है. कर्नाटक कांग्रेस के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल के जरिए एक नौसिखिए सोशल मीडिया मैनेजर की ओर से किया गया असभ्य ट्वीट खेदजनक है और उसे हटा लिया गया है.'
कर्नाटक में 30 अक्टूबर को सिंदगी और हंगल विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने हैं. जेडीएस नेता एमसी मनगुल और बीजेपी के सीएम उदासी के निधन के बाद ये सीटें खाली हो गई थीं. बसवराज बोम्मई (Basavaraj Bommai) के मुख्यमंत्री बनने के बाद ये पहला चुनाव है.
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