राजस्थान का सियासी संग्राम एकबार फिर से सड़कों पर आ गया है. सचिन पायलट के खेमे के लोग पिछले करीब एक हफ्ते से अपने हक के लिए आवाज उठा रहे हैं. वहीं अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी मोर्चा खोल दिया है. सीएम गहलोत ने सचिन पायलट के खिलाफ उन्हीं का गुट छोड़कर आए विधायकों के साथ ही बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए विधायकों को मैदान में उतार दिया है.
राजस्थान की सियासत में अब सचिन पायलट और अशोक गहलोत के गुट दो-दो हाथ करने के लिए तैयार हैं. सचिन पायलट गुट के विधायक जहां टेलीफोन टैपिंग के आरोप लगाते हुए कांग्रेस आलाकमान की तरफ से गठित कमेटी की ओर से सुनवाई नहीं किए जाने की बात कर रहे हैं. वहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खेमे से बीएसपी छोड़कर कांग्रेस में आए संदीप यादव और जोगेंदर अवाना ने पायलट गुट पर हमला बोला. इन विधायकों ने पायलट और उनके समर्थक विधायकों को गद्दार तक कह दिया.
यादव और अवाना ने पायलट और उनके गुट के विधायकों को नकली बताते हुए कांग्रेस आलाकमान से कार्रवाई की मांग की. इन विधायकों ने कहा कि कांग्रेस आलाकमान को इनसे बात भी नहीं करनी चाहिए. ऐसा माना जा रहा है कि पायलट गुट की ओर से हो रहे हमलों का जवाब देने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ही बीएसपी से आए विधायकों को मैदान में उतारा है. राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि कोरोना काल में मंत्रिमंडल में विस्तार की मांग ठीक नहीं है.
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पहले ही कह दिया है कि दो महीने तक डॉक्टरों ने उन्हें बाहर नहीं निकलने की सलाह दी है. ऐसे में माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल का विस्तार टल सकता है. ऐसी भी खबरें हैं कि कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी अजय माकन की ओर से आए जल्द मंत्रिमंडल विस्तार के बयान के बाद गहलोत ने आलाकमान से भी दो टुक कह दिया है कि ये काम वे अपनी सुविधा के मुताबिक ही करेंगे. सूत्रों के मुताबिक पायलट गुट पर हमले की रणनीति राष्ट्रीय लोक दल के टिकट पर जीते चिकित्सा राज्यमंत्री सुभाष गर्ग बना रहे हैं. सूत्रों का दावा है कि गर्ग लगातार इन विधायकों के संपर्क में हैं.