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कोरोना काल में दूरदर्शन की पढ़ाई से वंचित रहने वाले एक से पांचवीं तक के बच्चे अपने टोले में पढ़ेंगे।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | कोरोना काल में दूरदर्शन की पढ़ाई से वंचित रहने वाले एक से पांचवीं तक के बच्चे अपने टोले में पढ़ेंगे। इसकी जिम्मेवारी राज्य के करीब तीस हजार शिक्षा सेवक सह टोला सेवक को दी गई है। टोले में खुली जगह चयनित कर इन बच्चों को पढ़ाने को कहा गया है।
शिक्षा सेवक (टोला सेवक) अपने ही टोले के 5वीं तक के बच्चों को इकट्ठा करेंगे। इनका एक समूह बनाएंगे। एक समूह में 25 से अधिक बच्चे नहीं होंगे। बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने इस संबंध में सभी जिलों के डीईओ को निर्देश दिया है। पटना जिला शिक्षा कार्यालय ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। टोलावार बच्चों की संख्या मांगी गई है। अगले सप्ताह से इन बच्चों की पढ़ाई टोले में शुरू कर दी जाएगी। संबंधित टोले से जुड़े प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक भी इसमें मदद करेंगे।
दरअसल, कोरोना काल में पढ़ाई जारी रखने के लिए दूरदर्शन पर कक्षाएं सोमवार से शुरू हो रही हैं। बिहार शिक्षा परियोजना परिषद और यूनिसेफ की रिपोर्ट की मानें तो दूसरी लहर के दौरान छठी से 12वीं तक के बच्चे तो मेरा दूरदर्शन, मेरा विद्यालय में कक्षाएं करते थे। एक से पांचवीं तक के बच्चे कक्षाएं नहीं करते थे। चूंकि बहुत से अभिभावकों के पास टीवी या स्मार्ट फोन भी नहीं था। इसलिए इस बार एक से पांचवीं तक के बच्चों को टोले में ही इकट्ठा कर पढ़ाने की योजना है ताकि इनकी पढ़ाई बाधित न हो।
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