भारत

आज का पंचांग, 6 जुलाई 2022

Nilmani Pal
6 July 2022 12:35 AM GMT
आज का पंचांग, 6 जुलाई 2022
x

पंचांग का अर्थ है पंच + अंग = पांच अंग यानि पंचांग। यही हिन्दू काल-गणना की रीति से निर्मित पारम्परिक कैलेण्डर या कालदर्शक को कहते हैं। पंचांग नाम इसके पांच प्रमुख भागों से बने होने के कारण है, जो इस प्रकार हैं, तिथि, वार, नक्षत्र, योग और करण। दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह आदि के बारे में जानकारी मिलती है। ये जानकारी हमारे लिए काफी उपयोग साबित होती है। हमारे देश में कई तरह के पंचांग प्रचलित हैं, इनमें विक्रम पंचांग सर्वाधिक मान्य है। आगे जानिए आज के पंचांग से जुड़ी खास बातें…

गुप्त नवरात्रि के सातवें दिन करें देवी कालरात्रि की पूजा

बुधवार को आषाढ़ की गुप्त नवरात्रि का सातवां दिन है। इस दिन देवी के कालरात्रि स्वरूप की पूजा की जाती है। देवी कालरात्रि की पूजा करने से शत्रुओं पर विजय मिलती है और दुख दूर होते हैं। मां कालरात्रि का स्वरूप बहुत ही भयंकर है। इनका रंग काला है और इनकी तीन आंखें हैं। इनके बाल बिखरे हैं और 4 भुजाएं हैं। इनका एक हाथ वर मुद्रा में और एक अभय मुद्रा में है। अन्य दो हाथों में हथियार हैं। इनका वाहन गधा है।

6 जुलाई का पंचांग (Aaj Ka Panchang 6 July 2022)

6 जुलाई 2022, दिन बुधवार को आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि है। ये गुप्त नवरात्रि का सातवां दिन है। इस दिन देवी के कालरात्रि स्वरूप की पूजा की जाती है। इस दिन सूर्योदय उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में होगा, जो सुबह 11.44 तक रहेगा। इसके बाद हस्त नक्षत्र रात अंत तक रहेगा। बुधवार को पहले उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र होने से वर्धमान और उसके बाद हस्त नक्षत्र होने से आनंद नाम के 2 शुभ योग इस दिन बन रहे हैं। इस दिन राहुकाल दोपहर 12:31 से 02:11 तक रहेगा। इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें।

ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार से होगी...

बुधवार को चंद्रमा कन्या में, बुध और सूर्य मिथुन राशि में, मंगल और राहु मेष राशि में, शुक्र वृषभ राशि में, केतु तुला राशि में, गुरु मीन में और शनि कुंभ राशि में रहेंगे। बुधवार को उत्तर दिशा की यात्रा करने से बचना चाहिए। यदि निकलना पड़े तो तिल या धनिया खाकर घर से बाहर निकलें।

6 जुलाई के पंचांग से जुड़ी अन्य खास बातें

विक्रम संवत- 2079

मास पूर्णिमांत- आषाढ़

पक्ष- शुक्ल

दिन- बुधवार

ऋतु- वर्षा

नक्षत्र- उत्तरा फाल्गुनी और हस्त

करण- वणिज और विष्टि

सूर्योदय - 5:50 AM

सूर्यास्त - 7:12 PM

चन्द्रोदय - 11:48 AM

चन्द्रास्त - 12:10 AM

अभिजीत मुहूर्त- बुधवार को अभिजीत मुहूर्त नहीं है।

6 जुलाई का अशुभ समय (इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें)

यम गण्ड - 7:30 AM – 9:10 AM

कुलिक - 10:51 AM – 12:31 PM

दुर्मुहूर्त - 12:04 PM – 12:58 PM

वर्ज्यम् - 08:20 PM – 09:59 PM

शुभ होता है प्रीति योग

ज्योतिष में कुल 27 योग बताए गए हैं। इनमें से कुछ अशुभ हैं तो कुछ शुभ। इन 27 योगों में से प्रीति योग दूसरा है। ये शुभ योग है। इस योग में जन्म लेने वाला व्यक्ति विषयों को जानने वाला, जिन्दादिल और किसी भी काम को उत्साह पूर्वक करने वाला होता है। प्रीती योग में जन्में लोग विपरीत लिंग वाले व्यक्ति से प्रीति रखने वाले होते हैं। ये चालाक होते हैं और अपने स्वार्थ को किसी भी तरह सिद्ध करना जानते हैं।

Next Story