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आज भारत बंद पर इन दलों ने किया समर्थन, देश में सुरक्षा के तगड़े इंतजाम, इन सेवाओं पर पड़ेगा असर
Deepa Sahu
26 Sep 2021 6:30 PM GMT
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किसान संगठनों ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ अपने आंदोलन को और मजबूती देने के लिए सोमवार 27 सितंबर को भारत बंद का आह्वान किया है।
नई दिल्ली, किसान संगठनों ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ अपने आंदोलन को और मजबूती देने के लिए सोमवार 27 सितंबर को भारत बंद का आह्वान किया है। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के नेतृत्व में 40 किसान संगठनों की ओर से सोमवार को सुबह 06 बजे से शाम 04 बजे तक भारत बंद का आह्वान किया गया है। कई विपक्षी दलों की ओर से भी इसका समथन किए जाने के संकेत मिले हैं। कुछ दलों ने तो बंद के समर्थन में सड़क पर उतरने की घोषणा भी कर दी है। उपद्रवी तत्व भारत बंद का फायदा ना उठा पाएं इसके लिए सुरक्षा को लेकर कई राज्यों ने एडवाइजरी भी जारी की है।
कांग्रेस ने पार्टी कार्यकर्ताओं से शामिल होने की अपील की
कांग्रेस ने भारत बंद को समर्थन देने की बात कही है। कांग्रेस ने अपने सभी कार्यकर्ताओं, प्रदेश इकाई प्रमुखों और पार्टी से जुड़े संगठनों के प्रमुखों को भारत बंद में भाग लेने के निर्देश दिए हैं। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि सभी पार्टी कार्यकर्ता भारत बंद को शांतिपूर्ण तरीके से अपना समर्थन देंगे।
आप टीएमसी और वाम दलों ने किया समर्थन
आम आदमी पार्टी ने भी भारत बंद का समर्थन करने की बात कही है। वहीं पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के अलावा वाम दलों भाकपा, माकपा, आल इंडिया फारवर्ड ब्लाक, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) ने लोगों से अपील की है कि वे भारत बंद का समर्थन करें।
बसपा और एलडीएफ ने भी किया सपोर्ट
बसपा अध्यक्ष मायावती ने भी भारत बंद का समर्थन करते हुए नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की है। वहीं केरल में सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) ने सोमवार को राज्य-व्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। एलडीएफ का कहना है कि उसने किसानों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए हड़ताल का आह्वान किया है।
YSRCP का समर्थन, केरल में यातायात रहेगा बंद, परीक्षाएं स्थगित
आंध्र प्रदेश की सत्तारूढ़ पार्टी वाईएसआरसीपी की किसान शाखा ने देशव्यापी बंद का समर्थन किया है। केरल में सत्तारूढ़ एलडीएफ और विपक्षी यूडीएफ दोनों समर्थन कर रहे हैं। केरल सरकार सोमवार को होने वाली विश्वविद्यालयों की परीक्षाएं स्थगित कर दी है। केरल में सुरक्षा कड़ी होगी और बस, टैक्सी ऑटो-रिक्शा समेत सार्वजनिक परिवहन बंद रहेगा।
तेदेपा, जेडीएस, द्रमुक और राकांपा ने भी किया समर्थन
आंध्र प्रदेश में तेदेपा, कर्नाटक में जेडीएस, तमिलनाडु में सत्ताधारी द्रमुक जैसे दलों ने भी बंद का समर्थन किया है। राकांपा की ओर से भी भारत बंद के समर्थन का एलान किया गया है। यही नहीं अखिल भारतीय बैंक अधिकारी परिसंघ (एआईबीओसी) ने भी बंद को अपना समर्थन दिया है।
दिल्ली में सुरक्षा के तगड़े इंतजाम
दिल्ली पुलिस ने भारत बंद को देखते हुए राष्ट्रीय राजधानी के सीमावर्ती इलाकों में गश्त बढा दी है। अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली में अतिरिक्त कर्मियों को तैनात किया गया है। राजधानी दिल्ली में दाखिल होने वाले हर वाहन की पूरी जांच की जा रही है।
पंजाब में कांग्रेस का समर्थन, हरियाणा में सख्त इंतजाम
पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू का कहना है कि उनकी पार्टी राज्य में किसानों के भारत बंद का समर्थन करेगी। वहीं हरियाणा पुलिस ने सुरक्षा बंदोबस्त को लेकर एडवाइजरी जारी की है। इसमें कहा गया है कि सोमवार को बंद के दौरान सुरक्षा के तगड़े इंतजाम होंगे लेकिन लोगों को यातायात में व्यवधान का सामना करना पड़ सकता है।
किसान आंदोलन के 10 माह पूरे
गौरतलब है कि दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का विरोध प्रदर्शन के 10 महीने हो गए हैं। किसानों की दलील है कि भारत बंद से उनका आंदोलन और मजबूत होगा। संयुक्त किसान मोर्चा का कहना है कि भारत बंद में श्रमिक संघों, ट्रेड यूनियनों, कर्मचारियों और छात्र संघों, महिला संगठनों और ट्रांसपोर्टरों के संघों को शामिल किया गया है।
लोगों को हो सकती है ये समस्याएं
दिल्ली की सीमाओं पर लोगों को आने-जाने में दिक्कत हो सकती है। किसान संगठनों ने कहा है कि वह दिल्ली की सीमाओं पर रोड ब्लाक करेंगे। हरियाणा में सभी मार्गों को 10 घंटे तक ब्लॉक करने की बातें किसानों की ओर से कही गई हैं। स्कूल, कालेज, यूनिवर्सिटी और अन्य शिक्षण संस्थानों के संचालन पर भी असर पड़ेगा। कुछ बैंकों की सेवाओं पर भी असर पड़ने की आशंकाएं हैं। किसानों का कहना है कि किसी भी तरह का सरकारी या गैर सरकारी सार्वजनिक कार्यक्रम भी नहीं होने दिए जाएंगे।
शांतिपूर्ण बंद का दावा
संयुक्त किसान मोर्चा का कहना है कि यह बंद शांतिपूर्ण रहेगा। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि किसान यह सुनिश्चित करेंगे कि जनता को कम से कम असुविधा का सामना करना पड़े। बंद सुबह छह बजे से शुरू होगा और शाम चार बजे तक चलेगा। इस दौरान केंद्र और राज्य सरकार के कार्यालयों, बाजारों, दुकानों, कारखानों, स्कूल कालेजों एवं अन्य शैक्षणिक संस्थानों को काम करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। सार्वजनिक और निजी परिवहन को भी अनुमति नहीं होगी।
किसान इन सेवाओं को बंद से देंगे छूट
संयुक्त किसान मोर्चा ने यह भी कहा है कि बंद के दौरान एंबुलेंस और दमकल सेवाओं सहित केवल आपातकालीन सेवाओं को ही काम करने की अनुमति होगी। संयुक्त किसान मोर्चा की मानें तो बंद स्वैच्छिक होगा जिसमें आपातकालीन सेवाओं को छूट मिलेगी इसको लेकर किसान संगठनों को निर्देश जारी किए जा चुके हैं। किसानों ने दावा किया है कि अस्पताल, दवा की दुकानें और एंबुलेंस समेत अन्य मेडिकल से जुड़ी सेवाओं को संचालन की इजाजत होगी। परीक्षा या इंटरव्यू में जाने वाले छात्रों को नहीं रोका जाएगा। कोरोना से जुड़ी और इमरजेंसी सेवाओं को भी बाधित नहीं किया जाएगा।
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