आज पूरा चंडीगढ़ बिजली कर्मचारियों की हड़ताल से अंधेरे में डूबा रहा, जानिए हड़ताल का कारण
चंडीगढ़ में बिजली विभाग के निजीकरण के खिलाफ सोमवार आधी रात से बिजलीकर्मी हड़ताल पर चले गए हैं, जिस वजह से देर शाम शहर पूरी तरह अंधेरे में डूब गया। आधी रात से बिजली कटौती चंडीगढ़ के नागरिकों का जीना मुहाल कर दी है। बिजली विभाग के कर्मचारी निजीकरण को लेकर तीन दिवसीय हड़ताल पर चले गए हैं। हालांकि, प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि आवश्यक व्यवस्था की गई है। बिजली कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से शहर की व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। सोमवार आधी रात से डीजी सेट के सहारे ऑफिस चल रहे हैं और सभी इंडस्ट्री बंद पड़ी है। शहर के सभी बड़े अस्पतालों में भी स्थिति को गंभीरता से लिया जा रहा है। जिन क्षेत्रों में बिजली कटौती का सामना करना पड़ा उनमें सेक्टर 20, 34, 36, 40, 42, 44, 49, 36, किशनगढ़ और मनीमाजरा शामिल थे।
सोमवार की रात से बिजली गुल होने के कारण केंद्र शासित प्रदेश के सरकारी अस्पतालों को वैकल्पिक सर्जरी को पुनर्निर्धारित करने के लिए मजबूर होना पड़ा, इसके अलावा शहर में रेजिडेंशियल, इंडस्ट्रियल और कमर्शियल क्षेत्रों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। कुछ चौराहों पर ट्रैफिक लाइटें भी आउटेज के कारण काम नहीं कर रही थी। बिजली कटौती के बाद से घरों में लोगों को मोमबत्ती और दिये जलाकर खाना पकाना पड़ा और टीवी, फ्रिज, मोबाइल, लैपटॉप आदि सब बंद पड़े रहे। कई इलाकों में लोग बिजली के साथ-साथ पानी के लिए भी तरस गए। वहीं, चंडीगढ़ प्रशासन की व्यवस्थाएं धरी की धरी रह गईं। केंद्र शासित प्रदेश के मुख्य अभियंता सीबी ओझा ने हिंदुस्तान टाइम्स से कहा, "हम विभिन्न क्षेत्रों में बिजली बहाल कर रहे हैं। सोमवार रात को दिक्कत हुई थी लेकिन सुबह (मंगलवार) से हमने काफी हद तक इसे ठीक कर लिया है। पंजाब और हरियाणा से 150 अतिरिक्त कर्मी आए हैं। हम यह भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि शिकायतों का तुरंत जवाब दिया जाए।"
उन्होंने आगे कहा कि स्थिति को गंभीरता से देखा जा रहा है और यहां 66 केवी सबस्टेशन पर एक SE (Superintendent Engineer) की प्रतिनियुक्ति की गई है। महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिए, हमारे पास डीजी सेट का बैकअप है। PGIMER ने एक बयान में कहा कि हम यह सुनिश्चित करने के लिए लगातार हालात पर निगरानी कर रहे हैं कि कोई अस्पताल बिजली सेवा प्रभावित न हो। यूटी पावरमैन यूनियन के बैनर तले सोमवार रात कर्मचारी हड़ताल पर चले गए। यूनियन के अध्यक्ष ध्यान सिंह ने कहा कि वे चंडीगढ़ प्रशासन के बिजली विभाग के निजीकरण के फैसले का विरोध कर रहे हैं। विरोध कर रहे कर्मचारियों ने दावा किया है कि अगर बिजली विभाग का निजीकरण किया जाता है, तो उनकी सर्विस की शर्तें बदल जाएंगी और इससे बिजली की दरें भी बढ़ सकती हैं।