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बालाकोट एयरस्ट्राइक की आज तीसरी सालगिरह, IAF ने पाक में घुसकर आतंकी ठिकानों को किया था तबाह, जानें क्या-क्या हुआ?
Shiddhant Shriwas
26 Feb 2022 7:04 AM GMT
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Balakot Airstrike Anniversary: आज 26 फरवरी है, अगर आप वैसे देखेंगे तो यह आम तारीखों की तरह ही एक तारीख भर है, लेकिन जब आप देशभक्ति के चश्मे से कैलेंडर की इस तारीख को देखेंगे तो आप फ्लैशबैक में जाएंगे और आपको बालाकोट एयरस्ट्राइक याद आएगा. जी हां, आज बालाकोट एयरस्ट्राइक की तीसरी सालगिरह है. एक ऐसी एयरस्ट्राइक जिसने एक तरफ भारत की ताकत का परचम लहराया, तो दूसरी तरफ इसे लेकर विपक्षी दलों ने सरकार को खूब घेरा. चलिए आज इसकी तीसरी सालगिरह में हम एक बार फिर आपको बताते हैं बहादुरी और शौर्य की वो कहानी जो आज भी जिंदा है.
भारत ने 26 फरवरी 2019 को पाकिस्तान के बालाकोट में घुसकर आंतकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों को नष्ट कर दिया. अब सवाल उठता है कि आखिर भारत को ऐसा करने की जरूर क्यों पड़ी. दरअसल इस अटैक के पीछे की वजह 14 फरवरी 2019 को निकली थी, जब आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर में सबसे बड़ा हमला किया था. यहां पुलवामा में अवंतीपोरा के पास सीआरपीएफ के काफिले पर हमला हुआ. काफिले की एक बस को बम से उड़ा दिया गया था. इस हमले में 40 जवन शहीद हुए थे. इसी हमले का बदला लेने के लिए बालाकोट एयरस्ट्राइक की गई थी.
आतंकी हमले के बाद से ही बदला लेने के लिए एक बड़े ऑपरेशन की प्लानिंग बनने लगी थी. गोपनीय तरीके से प्लानिंग बन भी गई थी. अचानक भारतीय वायुसेना के तत्कालीन प्रमुख आर.के.एस. भदौरिया ने ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए तारीख का ऐलान किया. डेट 26 फरवरी रखी गई। इसके पीछे वजह ये थी कि इसी दिन सेना के एरो इंडिया शो का समापन था औऱ विदेशी मेहमान जाने वाले थे. वायुसेना प्रमुख ने इस पूरे ऑपरेशन को 'बंदर' कोडवर्ड दिया था.
अधिकारियों से जरूरी निर्देश मिलने के बाद भारतीय वायुसेना के 12 मिराज 2000 लड़ाकू विमानों के साथ 26 फरवरी 2019 को तड़के करीब 3:30 बजे सीमा पार करते हुए पाकिस्तान के बालाकोट में दस्तक दी और आतंकियों के ठिकानों पर बम गिराने शुरू किए. जहां बम गिराए गए वहां आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के कई ठिकाने थे. भारतीय वायुसेना ने एयर स्ट्राइक से सभी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया. हमले के वक्त ठिकानों पर करीब 500 आतंकियों के होने की भी सूचना थी.
इस ऑपरेशन को लेकर प्लानिंग के दौरान गोपनीयता का पूरा ध्यान रखा गया था. प्लानिंग से जुड़े एक अधिकारी के मुताबिक, इस दौरान अफसरों के मोबाइल फोन तक रख लिए जाते थे. सारी बातचीत आमने सामने बैठकर होती थी.
इस एयरस्ट्राइक के बाद बहुत कुछ बदल गया था. एकतरफ जहां इससे भारत की ताकत का अहसास पाकिस्तान और आतंकियों को हो गया, वहीं भारत में इसे लेकर विपक्षी दोलों ने खूब हंगामा किया. सरकार से एयरस्ट्राइक के सबूत मांगे गए. आज भी इस पर सवाल उठते हैं. वहीं सकारात्मक प्रभाव की बात करें तो इस एयरस्ट्राइक के बाद से काफी हद तक आतंकियों की कमर टूटी. इसके बाद से देश में बड़े आतंकी हमले नहीं हुए. पाकिस्तान और आतंकियों को भी शायद अहसास हो गया कि अब कोई भी गलत स्टेप्स उठाने पर भारत की ओऱ से जवाब मिलेगा और उसके ज्यादा नुकसान उठाने पड़ सकते हैं.
Shiddhant Shriwas
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