आज संसद का सत्र रहेगा हंगामेदार, चीन से झड़प मुद्दे पर गरमाई सियासत
दिल्ली। अरुणाचल प्रदेश के तवांग इलाके में भारत और चीनी सैनिकों के बीच झड़प के मामले में राजनीति गरमा गई है. संसद के शीतकालीन सत्र में आज इस मसले पर विपक्षी दल सरकार को घेरने की तैयारी में हैं. कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल संसद में बॉर्डर की स्थिति पर चर्चा करने की मांग कर रहे हैं. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद में इस मुद्दे पर चर्चा करें. वहीं, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने स्थगन प्रस्ताव लाने का ऐलान किया है. फिलहाल, विपक्षी दलों के बयानबाजी से साफ है कि आज संसद का सत्र काफी हंगामेदार रहने वाला है.
कांग्रेस का आरोप है कि मोदी सरकार सीमा के मसले को दबा रही है, जिसके कारण चीन का दुस्साहस बढ़ता जा रहा है. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि चीन के दुस्साहस करने पर कांग्रेस सरकार को 'जागने' की कोशिश कर रही है, लेकिन वह 'अपनी राजनीतिक छवि चमकाने' के लिए चुप्पी साधे है.
जयराम रमेश ने कहा कि हमें सशस्त्र बलों की बहादुरी पर गर्व है. सीमा पर चीन की हरकतें पूरी तरह से अस्वीकार्य हैं. पिछले दो वर्षों से हम बार-बार सरकार को जगाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन मोदी सरकार सिर्फ अपनी छवि को चमकाने के लिए इस मामले को दबाने की कोशिश कर रही है. इसी वजह से चीन का दुस्साहस बढ़ रहा है.
जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि देश से बड़ा कोई नहीं है, लेकिन मोदी जी अपनी छवि बचाने के लिए देश को खतरे में डाल रहे हैं. उन्होंने दावा किया है कि उत्तरी लद्दाख में घुसपैठ स्थायी करने की कोशिश में चीन ने डेपसांग में LAC की सीमा में 15-18 km अंदर 200 स्थायी शेल्टर बना दिए, पर सरकार चुप रही. उन्होंने कहा कि एलएसी पर ताजा घटनाक्रम चिंताजनक है. कांग्रेस ने गलवान झड़प के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण का एक वीडियो भी ट्वीट किया, जिसमें प्रधानमंत्री ने कहा था कि 'किसी ने भी हमारी जमीन पर कब्जा नहीं किया है और ना ही किसी ने भारतीय सीमा में प्रवेश किया है. हमारी कोई भी पोस्ट किसी और के कब्जे में नहीं है.