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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को पूर्वोत्तर राज्यों के आठ मुख्यमंत्रियों के साथ वर्चुअल बैठक करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को पूर्वोत्तर राज्यों के आठ मुख्यमंत्रियों के साथ वर्चुअल बैठक करेंगे। इसमें वह पूर्वोत्तर में बढ़ते कोरोना संक्रमण से उत्पन्न हालात और टीकाकरण अभियान की समीक्षा करेंगे।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पीएम मोदी असम, नगालैंड, त्रिपुरा, सिक्किम, मणिपुर, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम के मुख्यमंत्रियों संग वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत करेंगे। देश में ज्यादातर हिस्सों में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से घट रहे हैं, वहीं पूर्वोत्तर में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं जोकि चिंताजनक है।
प्रधानमंत्री मंगलवार पूर्वाह्न 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से असम, नगालैंड, त्रिपुरा, सिक्किम, मणिपुर, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम के मुख्यमंत्रियों के साथ इन राज्यों में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा करेंगे। प्रधानमंत्री इस दौरान टीकाकरण की स्थिति का भी जायजा लेंगे।
जानकारी के अनुसार, पूर्वोत्तर के राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ होने वाले संवाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन राज्यों में कोविड-19 की ताजा स्थिति और टीकाकरण अभियान की समीक्षा को लेकर यह बैठक ऐसे समय में हो रही है, जब देश में कोविड-19 संक्रमण के मामलों में कमी आई है।
हालांकि देश में कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका व्यक्त की जा रही है। देश में पिछले 24 घंटों में कोविड-19 के 37,154 नए मामले सामने आए। इसके बाद देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3,08,74,376 हो गई। देश में अभी तक कोविड-19 रोधी टीकों की कुल 37.73 करोड़ खुराक दी जा चुकी है।
बीते सप्ताह ही पीएम मोदी ने देश में ऑक्सीजन की उपलब्धता को लेकर एक हाईलेवल मीटिंग की थी। इस मीटिंग में पीएम नरेंद्र मोदी ने देश के तमाम हिस्सों में 1,500 से ज्यादा ऑक्सीजन प्लांट्स स्थापित करने का आदेश दिया था। पीएम केयर्स फंड से इन प्लांट्स को स्थापित करने के लिए रकम खर्च की जाएगी।
पीएम नरेंद्र मोदी को अधिकारियों ने इस मीटिंग में बताया था कि इन प्लांट्स के जरिए देश भर में 4 लाख ऑक्सीजन बेड्स तैयार किए जा सकेंगे ताकि किसी भी तरह के संकट की स्थिति में लोगों को राहत पहुंचाई जा सके। बता दें कि अप्रैल और मई में कोरोना की दूसरी लहर के पीक के दौरान दिल्ली, मुंबई, बंगलूरू समेत देश के तमाम शहरों में ऑक्सीजन बेड्स की कमी देखने को मिली थी।
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