हर साल 11 दिसंबर को यूनिसेफ डे (UNICEF Day) मनाया जाता है. यूनिसेफ यानी संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय बाल आपातकालीन फंड, हर जगह हर बच्चे के अधिकारों की रक्षा करता है, ताकि बच्चों की रक्षा करके और उनकी इच्छाओं को पूरा करने में मदद करके उनके जीवन को बचाने के बारे में जागरूकता बढ़ाई जा सके. यह दुनिया के 190 से अधिक देशों और क्षेत्रों में हर बच्चे के अधिकारों की रक्षा के लिए काम करता है.
'कोरोना काल' के दौरान यूनिसेफ, वैक्सीन देने के मामले में दुनिया के सबसे बड़े प्रोवाइडर्स में से एक था. यह बच्चों के स्वास्थ्य, पोषण, सुरक्षित पानी और स्वच्छता, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और कौशल निर्माण, एचआईवी की रोकथाम और माताओं और बच्चों के उपचार को लेकर जरूरी कदम उठाता है. साथ ही, यूनिसेफ बच्चों और किशोरों को हिंसा और शोषण से बचाने का भी काम करता है.
यूनिसेफ का मतलब यूनाइटेड नेशंस इंटरनेशनल चिल्ड्रन इमरजेंसी फंड है. यूनिसेफ की स्थापना संयुक्त राष्ट्र द्वारा 11 दिसंबर, 1946 को युद्ध के बाद यूरोप और चीन में बच्चों की आपातकालीन जरूरतों को पूरा करने के लिए की गई थी. हर जगह विकासशील देशों में बच्चों और महिलाओं की जरूरतों से निपटने के लिए यूनिसेफ के जनादेश को 1950 में बनाया गया था. 1953 में, यह संयुक्त राष्ट्र प्रणाली का हिस्सा बन गया. यह दिन बच्चों के विकास के बारे में जागरूकता बढ़ाने के मकसद से मनाया जाता है. इसका उद्देश्य भुखमरी, बच्चों के अधिकारों का हनन और नस्ल, क्षेत्र या धर्म के खिलाफ भेदभाव को खत्म करना है.