आज हैं यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जन्मदिन, जानिए अजय बिष्ट से योगी आदित्यनाथ बनने का सफर
लखनऊ: बुलडोजर बाबा के नाम से मशहूर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का आज 51वां जन्मदिन है। खैर, जब से योगी जी ने सन्यास लिया है, उसके बाद से वो अपना जन्मदिन नहीं मनाते हैं, लेकिन उनसे जुड़े लोग उनके जन्मदिन के दिन कहीं वृक्षारोपण करते हैं तो कहीं गरीबों में मिठाइयां एवं कपड़े बांटते हैं। योगी जी का जो योगी बनने का सफर है, उसको जानने की हर किसी की इच्छा रहती है। इसीलिए आज योगी जी के जन्मदिन के मौके पर हम बात करेंगे उनके इस बेहतरीन सफर की।
बचपन: योगी जी का जन्म 5 जून 1972 में उत्तराखंड राज्य के पौढ़ी गढ़वाल जिले के यमकेश्वर तहसील में स्थित पंचुर नामक गाँव में हुआ था। उनका बचपन का नाम अजय सिंह बिष्ट था। इनके पिता का नाम आनंद सिंह बिष्ट था और इनके पिता फॉरेस्ट रेंजर थे। योगी जी सात भाई- बहन थे, जिसमें ये पांचवें नंबर पर आते हैं।
पढ़ाई: योगी जी की शुरुआती पढ़ाई टिहरी के गजा के एक स्कूल से 1977 में शुरू हुई थी। इसके बाद 1987 में इन्होंने दसवीं पास की और इसके बाद ऋषिकेश के भरत मंदिर इंटर कॉलेज से वर्ष 1989 में इन्होंने 12वीं पास की। फिर जब ये स्नातक कर रहे थे, उसी दौरान ये अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ गए। 1992 में इन्होंने गणित में स्नातक किया।
एबीवीपी के वर्कर के रूप में रहे एक्टिव: विद्यार्थी परिषद से जुड़ने के बाद ये उसमें काफी एक्टिंग भी रहा करते थे। अक्सर ये वाद- विवाद प्रतियोगिता में हिस्सा लिया करते थे। एक बार हुआ यूं कि इसी विद्यार्थी परिषद के किसी कार्यक्रम में गोरक्षपीठाधीश्वर महंत अवेद्यनाथ को चीफ गेस्ट के रूप में बुलाया गया था। इस कार्यक्रम में योगी आदित्यनाथ तो शामिल हुए ही थे, इनके अलावा देश भर से तमाम और छात्र भी शामिल हुए थे। सबने अपनी- अपनी बात रखी लेकिन जब योगी जी की बारी आई तो हर कोई उनकी बात से खुश हुआ और फिर उनकी जमकर तारीफ भी हुई। योगी जी से प्रभावित होकर महंत अवेद्यनाथ ने उन्हें अपने पास बुलाया। बस यहीं पर योगी जी की महंत अवेद्यनाथ से पहली मुलाकात हुई थी।
दीक्षा लेकर बन गए योगी: योगी जी के गांव से महज 10 किलोमीटर दूर एक गांव है, महंत अवेद्यनाथ वहीं के रहने वाले थे। विद्यार्थी परिषद के कार्यक्रम में मिलने के बाद योगी जी गोरखपुर गए और वहां फिर महंत से मिले। गणित से बीएससी करने के बाद योगी जी आगे एमएससी करना चाहते थे, लेकिन उनके जीवन में एक ऐसा मोड़ आया कि उनका पूरा जीवन ही बदल गया। बताया जाता है कि योगी जी जब कोटद्वार में रहते थे, तब उनका सामान चोरी हो गया था। इसमें उनके प्रमाण पत्र वगेरह भी थे। जिसके कारण वो आगे गोरखपुर से एमएससी नहीं कर पाए। फिर उन्होंने ऋषिकेश के कॉलेज ललित मोहन शर्मा से एमएससी में प्रवेश लिया। तभी महंत अवेद्यनाथ काफी बीमार पड़ गए और फिर योगी जी ने महंत से दीक्षा ली और अजय बिष्ट से योगी आदित्यनाथ बन गए।