भारत

आज है NSA अज‍ित डोभाल का जन्मदिन, IPS अफसर बना तेज-तर्रार जासूस, जाने कुछ अहम किस्से

jantaserishta.com
20 Jan 2021 5:01 AM GMT
आज है NSA अज‍ित डोभाल का जन्मदिन, IPS अफसर बना तेज-तर्रार जासूस, जाने कुछ अहम किस्से
x

फाइल फोटो 

बालाकोट एयर स्ट्राइक हो, सर्जिकल स्ट्राइक हो या कश्‍मीर में कोई उठापटक.... भारत के राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल का जिक्र जरूर आता है. भारत में सालों पहले सबसे पहले कम उम्र के युवा आईपीएस अफसर बने अजित डोभाल के दिमाग का लोहा दुश्‍मन देश भी मानते हैं. आज उनका जन्‍म दिन है तो आइए जानते हैं उनके बारे में कुछ खास बातें...

साल 2019 में एनएसए पद से रिटायरमेंट के बाद अजीत डोभाल को दोबारा पांच साल की नियुक्‍त‍ि दे दी गई. बता दें क‍ि भारतीय सुरक्षा क्षेत्र में उनके उल्‍लेखनीय कार्य को देते हुए कैबिनेट मंत्री का दर्जा भी मिला है. इससे पहले उन्‍हें राज्‍यमंत्री का दर्जा मिला हुआ था.
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को इंडिया का जेम्‍स बांड भी कहा जाता है. इसके पीछे इस आईपीएस अफसर के मास्‍टर माइंड को वजह माना जाता है. बता दें कि वो एक ऐसे भारतीय हैं, जो खुलेआम पाकिस्तान को चेतावनी देने से गुरेज़ नहीं करते.
वह पाकिस्तान के लाहौर में भारतीय दूतावास में छह साल तैनात रहे. कहा जाता है कि वो भारत की सुरक्षा के लिहाज से सूचनाएं जुटाने के लिए लाहौर में मुसलमान बनकर भी वहां घूमे. वे भारत के ऐसे नागरिक हैं, जिन्हें सैन्य सम्मान कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया है. यह सम्मान पाने वाले वह पहले पुलिस अफसर हैं.
उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में 20 जनवरी, 1945 को अजीत डोभाल का जन्म हुआ था. इनके पिता इंडियन आर्मी में थे. अजमेर मिलिट्री स्कूल से पढ़ाई करने के बाद उन्होंने आगरा यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स में पोस्ट-ग्रेजुएशन किया है.
1968 केरल बैच के IPS अफसर अजीत डोभाल अपनी नियुक्ति के चार साल बाद साल 1972 में इंटेलीजेंस ब्यूरो से जुड़ गए थे. अजीत डोभाल ने करियर में ज्यादातर समय खुफिया विभाग में ही काम किया है. कहा जाता है कि वह सात साल तक पाकिस्तान में खुफिया जासूस रहे.
1968 केरल बैच के IPS अफसर अजीत डोभाल अपनी नियुक्ति के चार साल बाद 1972 में इंटेलीजेंस ब्यूरो से जुड़ गए थे. अजीत डोभाल ने करियर में ज्यादातर समय खुफिया विभाग में ही काम किया है. कहा जाता है कि वह सात साल तक पाकिस्तान में खुफिया जासूस रहे. साल 2005 में एक तेज तर्रार खुफिया अफसर के रूप में स्थापित अजीत डोभाल इंटेलीजेंस ब्यूरो के डायरेक्टर पद से रिटायर हो गए.
NSA अज‍ित डोभाल से जुड़े ये प्‍वाइंट्स जानिए
- साल 1989 में अजीत डोभाल ने अमृतसर के स्वर्ण मंदिर से चरमपंथियों को निकालने के लिए 'ऑपरेशन ब्लैक थंडर' का नेतृत्व किया था.
- उन्होंने पंजाब पुलिस और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड के साथ मिलकर खुफिया ब्यूरो के अधिकारियों के दल के साथ मुख्य भूमिका निभाई थी.
- जम्मू-कश्मीर में घुसपैठियों और शांति के पक्षधर लोगों के बीच काम करते हुए डोभाल ने कई आतंकियों को सरेंडर कराया था.
- अजीत डोभाल 33 साल तक नार्थ-ईस्ट, जम्मू-कश्मीर और पंजाब में खुफिया जासूस रहे हैं, जहां उन्होंने कई अहम ऑपरेशन किए हैं.
- 30 मई, 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अजीत डोभाल को देश के 5वें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में नियुक्त किया.
- ऑपरेशन ब्लू स्टार के दौरान उन्होंने एक जासूस की भूमिका निभाई और भारतीय सुरक्षा बलों के लिए महत्वपूर्ण खुफिया जानकारी उपलब्ध कराई, जिसकी मदद से सैन्य ऑपरेशन सफल हो सका.


Next Story