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आज भारत ने गुलामी के एक निशान, गुलामी के एक बोझ को अपने सीने से उतार दिया: पीएम मोदी

jantaserishta.com
2 Sep 2022 5:57 AM GMT
आज भारत ने गुलामी के एक निशान, गुलामी के एक बोझ को अपने सीने से उतार दिया: पीएम मोदी
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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोचीन में देश के पहले स्वदेशी युद्धपोत INS विक्रांत को भारतीय नौसेना को सौंप दिया. इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी उनके साथ मौजूद रहे. पीएम मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कहा कि विक्रांत केवल एक युद्धपोत नहीं है. ये 21वीं सदी के भारत के परिश्रम, प्रतिभा, प्रभाव और प्रतिबद्धता का प्रमाण है.



पीएम मोदी ने कहा, विक्रांत विशाल है, विराट है, विहंगम है. विक्रांत विशिष्ट है, विक्रांत विशेष भी है. विक्रांत केवल एक युद्धपोत नहीं है. उन्होंने कहा, यदि लक्ष्य दुरन्त हैं, यात्राएं दिगंत हैं, समंदर और चुनौतियां अनंत हैं तो भारत का उत्तर है विक्रांत. विक्रांत आजादी के अमृत महोत्सव का अतुलनीय अमृत है. विक्रांत आत्मनिर्भर होते भारत का अद्वितीय प्रतिबिंब है.
देश में नया भरोसा पैदा हुआ- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा, आज यहां केरल के समुद्री तट पर भारत, हर भारतवासी, एक नए भविष्य के सूर्योदय का साक्षी बन रहा है. INS विक्रांत पर हो रहा ये आयोजन विश्व क्षितिज पर भारत के बुलंद होते हौसलों की हुंकार है. पीएम ने कहा, आज भारत विश्व के उन देशों में शामिल हो गया है, जो स्वदेशी तकनीक से इतने विशाल एयरक्राफ्ट कैरियर का निर्माण करता है. आज INS विक्रांत ने देश को एक नए विश्वास से भर दिया है, देश में एक नया भरोसा पैदा कर दिया है.
पीएम ने कहा, INS विक्रांत के हर भाग की अपनी एक खूबी है, एक ताकत है, अपनी एक विकासयात्रा भी है. ये स्वदेशी सामर्थ्य, स्वदेशी संसाधन और स्वदेशी कौशल का प्रतीक है. इसके एयरबेस में जो स्टील लगी है, वो स्टील भी स्वदेशी है.
पीएम ने छत्रपति शिवाजी को किया याद
पीएम मोदी ने कहा, छत्रपति वीर शिवाजी महाराज ने इस समुद्री सामर्थ्य के दम पर ऐसी नौसेना का निर्माण किया, जो दुश्मनों की नींद उड़ाकर रखती थी. जब अंग्रेज भारत आए, तो वो भारतीय जहाजों और उनके जरिए होने वाले व्यापार की ताकत से घबराए रहते थे. इसलिए उन्होंने भारत के समुद्री सामर्थ्य की कमर तोड़ने का फैसला लिया. इतिहास गवाह है कि कैसे उस समय ब्रिटिश संसद में कानून बनाकर भारतीय जहाजों और व्यापारियों पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए गए.
पीएम मोदी बोले, रामधारी सिंह दिनकर जी ने अपनी कविता में लिखा था ''नवीन सूर्य की नई प्रभा, नमो, नमो, नमो स्वतंत्र भारत की ध्वजा, नमो, नमो...आज इसी ध्वज वंदना के साथ मैं ये नया ध्वज नौसेना के जनक छत्रपति वीर शिवाजी महाराज को समर्पित करता हूं.
आज गुलामी का बोझ सीने से उतार दिया- पीएम
मोदी ने कहा, आज 2 सितंबर, 2022 की ऐतिहासिक तारीख को, इतिहास बदलने वाला एक और काम हुआ है. आज भारत ने, गुलामी के एक निशान, गुलामी के एक बोझ को अपने सीने से उतार दिया है. आज से भारतीय नौसेना को एक नया ध्वज मिला है. अब तक भारतीय नौसेना के ध्वज पर गुलामी की पहचान बनी हुई थी. लेकिन अब आज से छत्रपति शिवाजी से प्रेरित, नौसेना का नया ध्वज समंदर और आसमान में लहराएगा.
पीएम ने कहा, विक्रांत जब हमारे समुद्री क्षेत्र की सुरक्षा के लिए उतरेगा, तो उस पर नौसेना की अनेक महिला सैनिक भी तैनात रहेंगी. समंदर की अथाह शक्ति के साथ असीम महिला शक्ति, ये नए भारत की बुलंद पहचान बन रही है. अब इंडियन नेवी ने अपनी सभी शाखाओं को महिलाओं के लिए खोलने का फैसला किया है. जो पाबन्दियां थीं वो अब हट रही हैं. जैसे समर्थ लहरों के लिए कोई दायरे नहीं होते, वैसे ही भारत की बेटियों के लिए भी अब कोई दायरे या बंधन नहीं होंगे.
देश की सुरक्षा बड़ी प्राथमिकता- पीएम
प्रधानमंत्री ने कहा, बूंद-बूंद जल से जैसे विराट समंदर बन जाता है. वैसे ही भारत का एक-एक नागरिक 'वोकल फॉर लोकल' के मंत्र को जीना प्रारंभ कर देगा, तो देश को आत्मनिर्भर बनने में अधिक समय नहीं लगेगा. पिछले समय में इंडो-पैसिफिक रीज़न और इंडियन ओशन में सुरक्षा चिंताओं को लंबे समय तक नजरअंदाज किया जाता रहा. लेकिन आज ये क्षेत्र हमारे लिए देश की बड़ी रक्षा प्राथमिकता है. इसलिए हम नौसेना के लिए बजट बढ़ाने से लेकर उसकी क्षमता बढ़ाने तक हर दिशा में काम कर रहे हैं.
एक नजर में INS Vikrant की विशेषताएं
लागत - 20 हजार करोड़, वजन- 45000 टन
लंबाई- 262 मीटर, चौड़ाई- 62 मीटर (फुटबॉल के दो ग्राउंड के बराबर)
स्पीड- 28 नॉट्स समुद्री मील
कंपार्टमेंट - 2300, जवान- 1500-1700
भारत का पहला स्वदेशी एयरक्रॉफ्ट, इसमें लगे 76% उपकरण स्वदेशी हैं.
- 30 एयरक्राफ्ट (20 लड़ाकू विमान, 10 हेलिकॉप्टर खड़े हो सकेंगे) ( मिग 29 फाइटर जेट, कामोव 31 हेलिकॉप्टर, मल्टी रोल हेलिकॉप्टर भर सकेंगे उड़ान)
- 15 डेक, हॉस्पिटल, महिला जवानों के लिए विशेष कोच
- आईएनएस विक्रांत से 32 बराक 8 मिसाइलें दागी जा सकेंगी.
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