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भाषा समझने पुलिस को लेना पड़ा गूगल ट्रांसलेटर का सहारा, भटके युवक को मिलवाया परिजनों से

Nilmani Pal
17 March 2022 2:22 AM GMT
भाषा समझने पुलिस को लेना पड़ा गूगल ट्रांसलेटर का सहारा, भटके युवक को मिलवाया परिजनों से
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एमपी। इन्दौर (Indore) में पुलिस (Police) द्वारा एक ऐसे अनोखे काम को अंजाम दिया गया है जिससे इंदौर पुलिस (Indore Police) के कार्य की सराहना की जा रही है. घर से भटके हुए तमिलनाडु (Tamil Nadu) के लड़के को उसकी भाषा न समझने पर गूगल ट्रांसलेटर (Google Translate) का सहारा लेकर उसके परिजनों से मिलवाया गया.

शहर में भटक रहा था लड़का

दरअसल, इंदौर में जूनी इंदौर थाना पुलिस को 14 मार्च के दिन इलाके में गश्त के दौरान एक मासूम लड़का लोहा मंडी में भटकता हुआ मिला जिससे पूछताछ करने पर पता चला कि वह लड़का हिंदी भाषा नहीं समझ रहा था एवं इशारों में स्वयं की बात समझाने की कोशिश करने में लगा था. पुलिस द्वारा पूछताछ किए जाने पर स्वयं को तमिल भाषी बताया और नाम पता पूछने पर वह तमिल भाषा का इस्तेमाल कर रहा था. जो पुलिस के समझ के परे था. तो पुलिस द्वारा फिर आधुनिकता के इस दौर के साथ चलते हुए गूगल ट्रांसलेटर का सहारा लिया और लड़के के शब्दों को ट्रांसलेट किया तब जाकर लड़के की पहचान हो सकी.

लड़के ने अपना नाम काली ब्लॉक पिता काली पांडे उम्र 18 वर्ष निवासी मदुरई तमिलनाडु का होना बताया गूगल ट्रांसलेटर के माध्यम से तमिल भाषा को हिंदी भाषा में कन्वर्ट कर उसकी समस्या सुनी गई एवं उसे थाना लेकर आया गया. पुलिस के पुछताज में बालक द्वारा बताया गया कि उसने पिछले 2 दिन से खाना तक नहीं खाया है.

मामले को गंभीरता से लेते हुए थाना प्रभारी अभय नेमा ने उस बालक को पहले एक होटल से खाना मगवाकर खिलाया गया और सुरक्षित उसके घर पहुंचाने के लिए जीआरपी से संपर्क किया. जहां पुलिस को पता चला कि इंदौर से मदुरई के लिए सीधा ट्रेन नहीं है. जिसके बाद पुलिस ने उज्जैन से तमिलनाडु जाने वाली ट्रेन में बालक को बैठाकर तमिलनाडु के मदुरई के लिये रवाना किया. आपको बता दें कि इंदौर में ऐसा पहला मामला सामने आया है जब किसी की भाषा न समझने पर गूगल ट्रांसलेटर की सहायता लेकर उस काम को आज दिया गया है.


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