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TMC सांसद अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी ने ईडी की ओर से जारी समन को SC में दी चुनौती

jantaserishta.com
28 March 2022 6:12 AM GMT
TMC सांसद अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी ने ईडी की ओर से जारी समन को SC में दी चुनौती
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नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल West Bengal की सीएम ममता बनर्जी के भतीजे और TMC सांसद अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) और उनकी पत्नी रुजिरा बनर्जी को ईडी की तरफ से जारी किए गए समन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में सोमवार को वकील कपिल सिब्बल ने जल्द सुनवाई की मांग की है. हाईकोर्ट अभिषेक बनर्जी की याचिका को खारिज कर चुका है. सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल जल्द सुनवाई की तारीख नहीं दी है. बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी को बंगाल में कथित कोयला तस्करी से संबंधित धन शोधन मामले में 29 मार्च को पेश होने के लिए तलब किया है. अभिषेक बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे भी हैं और इसके पहले वह दो बार ईडी के सामने हाजिर हो चुके हैं.

बता दें कि इससे पहले अभिषेक बनर्जी पिछले सोमवार को दिल्ली में केंद्रीय एजेंसी के सामने पेश हुए थे. तब ईडी अधिकारियों ने अभिषेक बनर्जी से करीब आठ घंटे तक पूछताछ की थी. अभिषेक बनर्जी सुबह करीब 11 बजे मध्य दिल्ली में जांच एजेंसी के नए कार्यालय में दाखिल हुए थे और रात आठ बजे से कुछ पहले निकल गए थे.
अधिकारियों का कहना है कि अभिषेक का बयान धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दर्ज किया गया था. जांचकर्ताओं द्वारा एकत्र किए गए कुछ सबूत के साथ उनका सामना कराया गया था. सूत्रों के मुताबिक उनसे कोयला तस्करी के आरोपित विनय मिश्रा के बारे में भी पूछा गया. अभिषेक बनर्जी के दो विदेशी बैंकों में हुए लेनदेन को लेकर भी ईडी के अधिकारियों ने उनसे पूछताछ की थी. माना जा रहा है कि कोयला तस्करी का पैसा उन्हीं बैंकों में स्थानांतरित किया गया था. हालांकि अभिषेक बनर्जी ने इससे इनकार किया था, जबकि ईडी कार्यालय से बाहर निकलते समय, सांसद ने कहा था कि वह कानून का पालन करने वाले नागरिक हैं और इसलिए उन्होंने जांच में सहयोग किया है.
गौरतलब है कि सीबीआइ ने 27 नवंबर, 2020 को ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड (ईसीएल) के कई अफसरों और कर्मचारियों के साथ ही अनूप माझी उर्फ लाला, सीआइएसएफ और रेलवे के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया था. आरोप लगाया गया था कि ईसीएल, सीआइएसएफ, भारतीय रेलवे और संबंधित अन्य विभागों के अधिकारियों की सक्रिय मिलीभगत से ईसीएल के लीजहोल्ड क्षेत्र से कोयले की चोरी की गई.
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