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संकट की घड़ी: प्रोफेसर मां-बेटी हर दिन कई कोरोना मरीजों को मुफ्त दे रही खाना, पढ़े पूरी कहानी
Deepa Sahu
27 April 2021 2:22 PM GMT
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संकट की इस घड़ी में पटना में कई लोग कोविड मरीजों की मदद के लिए आगे आ रहे हैं।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क: संकट की इस घड़ी में पटना में कई लोग कोविड मरीजों की मदद के लिए आगे आ रहे हैं। हर व्यक्ति अपनी क्षमता के अनुसार लोगों की मदद कर रहा है। पटना के प्रतिष्ठित वीमेंस कॉलेज में फिजिक्स की हेड अपराजिता कृष्णा लोगों की मदद कर रही हैं। अपराजिता के साथ उनकी बेटी कृतिका रम्या भी लोगों की मदद के लिए आगे है, वह भी एक प्राइवेट कॉलेज में प्रोफेसर है। दोनों मां-बेटी कोविड संक्रमित मरीजों के घर तक मुफ्त में खाना पहुंचाती हैं।
कोविड मरीजों के घर पर खाना की डिलीवरी
कोरोना संक्रमित लोगों के लिए खाना एक बड़ी समस्या होती है। ऐसे में अपराजिता ने पटना में एक सप्ताह पहले 100 कोविड मरीजों के लिए खाना बनाना शुरू किया है। खाना बनने के बाद उनकी बेटी कृतिका रम्या उसे पैक करती हैं। उसके बाद लोगों घर तक वह खाना पहुंचवाती है।
ड्राइवर के जरिए भेजती थी खाना
हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए अपराजिता कृष्णा ने कहा कि मुझे हमेशा से ही खाना बनाने का शौक रहा है। इस महामारी के दौर में यह मेरे लिए चिकित्सकीय काम कर रहा है। मेरे परिवार के कुछ लोग कोरोना से संक्रमित हो गए थे, उनके लिए मैं खाना बनाती थी और ड्राइवरे से खाना भिजवाती थी। वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए मैं कई लोगों की मदद करना चाहती थी जो अब कर रही हूं।
बेटी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए लोगों से जुड़ रही
उन्होंने बताया कि मेरी बेटी जरूरत के लोगों के संपर्क में आने के लिए विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का प्रयोग करती है। अभी तक हमने राज्य में विभिन्न जगहों पर रह रहे लोगों की मदद की है। कई स्वंयसेवी समूहों ने हमसे खाने की डिलीवरी के लिए संपर्क किया है। कृतिका लगातार ज्यादा से ज्यादा जरूरतमंद लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। प्रोफेसर अपराजिता कृष्णा ने कहा कि कई लोग सोशल मीडिया का यूज नहीं करते हैं। हम उनके पास दूसरे माध्यमों के जरिए पहुंचने की कोशिश करते हैं। ताकि जरूरतमंद लोगों की मदद हो।
युवा पहुंचाते हैं लोगों तक खाना
प्रोफेसर अपराजिता कृष्णा खुद से घर में खाना बनाती हैं। वहीं, बिहार छात्र संसद के संस्थापक अंकित लोगों तक खाना पहुंचाते हैं। इन लोगों का ज्यादा फोकस वैसे लोगों पर रहता है, जिनके बच्चे घर में नहीं रहते हैं। वह अकेले रहते हैं।
घर के बाहर रखते हैं खाना
अंकित ने कहा कि हमारे पास काफी वॉलिंटियर हैं। हमलोग कई लोगों से खाना कलेक्ट करते हैं। हमलोग पटना में हर जगह कॉन्टैक्टलेस डिलीवरी करते हैं। इसके साथ ही बक्सर और आरा में भी हम इसकी शुरुआत करेंगे।
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