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टिकटॉक को अब भारत में लौटने की उम्मीद नहीं, कंपनी ने देश में शुरू की कर्मचारियों की छंटनी

Nilmani Pal
27 Jan 2021 2:48 PM GMT
टिकटॉक को अब भारत में लौटने की उम्मीद नहीं, कंपनी ने देश में शुरू की कर्मचारियों की छंटनी
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चीन की कंपनी बाइटडांस इस बात को लेकर अनिश्चित है कि उसे दोबारा कब भारत में कारोबार की अनुमति मिलेगी और इसके बाद कंपनी ने भारत में 2000 से अधिक कर्मचारियों वाली टीम में छंटनी शुरू कर दी है।

जनता से रिश्ता वेब डेस्क। चीन की कंपनी बाइटडांस इस बात को लेकर अनिश्चित है कि उसे दोबारा कब भारत में कारोबार की अनुमति मिलेगी और इसके बाद कंपनी ने भारत में 2000 से अधिक कर्मचारियों वाली टीम में छंटनी शुरू कर दी है। कंपनी के लोकप्रिय मोबाइल ऐप टिकटॉक वीडियो पर बैन के कई महीनों बाद बाइटडांस ने बुधवार को कर्मचारियों को अपने फैसले के बारे में बताया है।

यह कदम ऐसे समय पर उठाया गया है जब भारत ने इसी महीने टिकटॉक और 58 अन्य चाइनीज ऐप्स पर बैन को जारी रखने का फैसला किया है। कंपनियों की ओर प्राइवेसी और अन्य नियमों को लेकर जवाब मिलने के बाद सरकार ने बैन जारी रखने की घोषणा की है। पिछले साल लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर तनाव बढ़ने के बाद भारत ने चाइनीज ऐप्स को बैन करने का फैसला किया था।

बाइटडांस ने कर्मचारियों को मेमो में लिखा है, ''शुरुआत में हमने उम्मीद की थी कि यह स्थिति कुछ ही समय रहेगी, लेकिन हमने पाया है कि ऐसा नहीं हुआ। ऐसे में जबकि हमारे ऐप्स का संचालन नहीं हो रहा है, हम सभी कर्मचारियों को नहीं रख सकते हैं। हम नहीं जानते कि भारत में कब वापसी होगी।''

एक बयान में कंपनी ने कहा कि वह इस बात से निराश है कि कई प्रयासों के बाद भी उसे स्पष्ट तौर पर नहीं बताया गया है कि कब और कैसे उसका ऐप्स को दोबारा शुरू किया जा सकता है। कंपनी ने यह नहीं बताया है कि कितने कर्मचारियों की नौकरी जाएगी। बैन से पहले भारत टिकटॉक के सबसे बड़े बाजारों में से एक था और 2019 में बाइटडांस ने भारत में 1 अरब डॉलर के निवेश का प्लान बनाया था।

पिछले साल इन ऐप्स को बैन करते हुए भारत सरकार ने इन्हें देश की एकता, संप्रभुता और सुरक्षा के लिए खतरा बताया था। 15 जून को पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। भारत सरकार ने इसके बाद चीन के ऐप्स को बैन करने का सिलसिला शुरू किया था। सरकार के इस कदम को चीन पर डिजिटल सर्जिकल स्ट्राइक भी बताया गया था।

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