सोमवार की शाम रानी ने दम तोड़ दिया। प्रबंधन का कहना है कि रानी ने अपना पूर्ण जीवन जिया। वीना रानी के पिता का नाम लक्ष्मण और मां यमुना थी। बता दें कि प्राणी उद्यान में दो जोड़े सफेद बाघ थे, अब इनकी संख्या घटकर तीन हो गई है।
चिड़ियाघर की निदेशक आकांक्षा महाजन (आइएफएस) ने बताया कि रानी ने एक दिन पहले कुछ भी नहीं खाया था। इसके बाद 24 घंटे उसे निगरानी में रखा गया था। सोमवार को रानी के रक्त की जांच कराई गई। इसमें हेपेटाइटिस के लक्षण पाए गए थे। डाक्टरों की टीम रानी पर पैनी नजर रखे हुए थी। उन्होंने कहा कि आमतौर पर सफेद बाघ की जिंदगी 14 से 18 वर्ष की होती है, लेकिन रानी की देखभाल ठीक होने की वजह से वह 17 वर्षों तक जीवित रही। प्रबंधन का कहना है कि एक सफेद बाघ को तैयार करने में काफी मशक्कत करनी पड़ती है। इसलिए यह हमारे लिए बड़ी क्षति है।
प्रबंधन की चिंता इसलिए बढ़ गई है, क्योंकि चार वर्षों में चार बाघों की मौत गुर्दे की खराबी से हुई है। तीन वर्षों में इस चिड़ियाघर में सात शेर और बाघों की मौत हो चुकी है। साल 2019 में बंगाल टाइगर रमा की किडनी से जुड़ी समस्या से मृत्यु हो गई थी। वर्ष 2020 में शेरनी अखिला, सफेद बाघिन कल्पना, निर्भया और बंगाल टाइगर बी-टू की मौत हुई थी।