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27% सीटों पर OBC को टिकट: चुनाव के ठीक पहले सत्ताधारी पार्टी का ऐलान, बीजेपी-कांग्रेस ने उठाया सवाल

jantaserishta.com
15 Aug 2021 2:37 AM GMT
27% सीटों पर OBC को टिकट: चुनाव के ठीक पहले सत्ताधारी पार्टी का ऐलान, बीजेपी-कांग्रेस ने उठाया सवाल
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हालांकि आगामी दिनों में राज्य में पंचायत चुनाव होने वाले हैं.

ओडिशा (Odisha) में बीजू जनता दल (BJD) के सुप्रीमों व राज्य के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक (Naveen Patnaik) अपने चुनावी रणनीति के साथ पिछले 21 सालों से सत्ता की कुर्सी संभाल रहे हैं. हालांकि देश में मोदी लहर के बाद भी 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजद ने भाजपा को एक तिहाई विधानसभा सीटों पर समेट दिया.

नवीन पटनायक की सरकार ने प्रदेश के चुनाव में 27% सीटों पर सामाजिक आर्थिक पिछड़ी जाति/पिछड़ा वर्ग (SEBC/OBC) के उम्मीदवारों को उतारने की घोषणा की है. वहीं, विपक्षी दल भाजपा और कांग्रेस ने सरकार की घोषणा को केवल एक चुनावी आरक्षण बतलाया है. हालांकि आगामी दिनों में राज्य में पंचायत चुनाव होने वाले हैं.
ओडिशा सरकार ने सामाजिक आर्थिक पिछड़ी जाति/पिछड़ा वर्ग (SEBC/OBC) के लोगों को चुनावी रणनीति का हिस्सा बनाते हुए सीटों पर 27% का आरक्षण देने कि बात की. इस घोषणा के बाद बीजू जनता दल प्रदेश के चुनावों में 27% सीटों पर पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों को टिकट देगी. किसी भी राजनीतिक पार्टी के लिए पार्टी को मजबूत करने में पंचायत चुनाव एक अहम भूमिका निभाता है. ऐसे में पंचायत चुनाव के ठीक पहले सत्ताधारी पार्टी द्वारा आरक्षण की घोषणा करने से विपक्ष की पार्टियों में चुनावी गतिविधियां तेज हो गई है. हालांकि यह फैसला बीजू जनता दल के सांसदों को केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने मिलने के बाद की गई है.
राज्य के खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता कल्याण मंत्री राजेंद्र प्रताप सवाई ने कहा कि ओडिशा वासियों के लिए यह एक ऐतिहासिक कदम है. राज्य सरकार ने मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहने वाले पिछड़ा वर्ग (SEBC/OBC) के लोगों को चुनाव में 27% सीटों का आरक्षण निश्चित किया है. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने जनवरी के महीने में पेट्रोलियम मंत्री के रूप में कार्यरत होने के समय ओडिशा मुख्यमंत्री पटनायक को एक पत्र लिखा था. प्रधान ने पत्र में पिछड़ा वर्ग (OBC) के लोगों को रोजगार और शिक्षा में आरक्षण देने की मांग की. शिक्षा मंत्री प्रधान ने 11 अगस्त को राज्यसभा के सदन में 127 वां संविधान संशोधन के दौरान अपनी बात रखते हुए कहा कि ओडिशा एकमात्र राज्य है जहां पिछड़ा वर्ग (OBC) को आरक्षण नहीं दिया जाता है.
बातचीत में भाजपा के प्रदेश महासचिव पृथ्वीराज हरिचंदन ने कहा कि अगर ओडिशा सरकार वास्तव में पिछड़ा वर्ग के लोगों का विकास करना चाहती है, तो उन्हें सबसे पहले रोजगार और शिक्षा में आरक्षण की पद्धति को लागू करना चाहिए. पिछड़ा वर्ग के लोगों को चुनाव में 27% आरक्षण केवल पार्टी के लोगों को ही दिया जाएगा.
वहीं, ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद शरत पटनायक ने बताया कि ओडिशा की सरकार केवल वोट बैंक की राजनीति करती है. उन्होंने कहा कि चुनाव से ठीक पहले किसी योजना या आरक्षण कार्ड खेल कर लोगों को गुमराह करने की कोशिश करती है. राज्य सरकार ने 2019 लोकसभा चुनाव समय पर भी कालिया योजना के नाम पर किसानों को धोखा दिया. सरकार अपने ही पार्टी के कार्यकर्ता को 27% सीटों पर चुनाव में टिकट देने वाली है. नवीन पटनायक वास्तव में पिछड़ा वर्ग समुदाय के लोगों का विकास करना चाहते हैं तो रोजगार और शिक्षा में आरक्षण दें.
ओडिशा के कृषि और शिक्षा मंत्री अरुण साहू ने भाजपा और कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि जो लोग रोजगार और शिक्षा में 27% आरक्षण की बात कर रहें हैं. उन लोगों को वंचित रहने वाले पिछड़े वर्ग को विकसित करने में सहयोग कर उनका समर्थन करें. देश में आरक्षण के प्रतिशत की सीमा के कारण और इसे निर्धारित करने के लिए कोई कानून नहीं है. नवीन पटनायक की सरकार ने प्रदेश के सभी चुनाव में सामाजिक आर्थिक पिछड़ी जाति के लोगों के लिए 27% सीटों में आरक्षित किया है.
इसी बीच मुस्लिम समुदाय को लोग राज्य सरकार ने सामाजिक आर्थिक पिछड़ी जाति/पिछड़ा वर्ग की घोषणा के बाद आरक्षण की मांग कर रहें है. पंचायती राज्य मंत्री प्रताप जेना ने मीडिया से बातचीत ने कहा कि राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव समय पर होगा. हमने ग्रामीण चुनाव के लिए एक विस्तृत कार्यक्रम बनाय है और सरकार जल्द ही राज्य चुनाव आयोग को स्थिति रिपोर्ट सौंपेगी.
ओबीसी (OBC) राज्य की आबादी का लगभग 54 प्रतिशत है.बता दें कि इससे पहले 2017 में पंचायत चुनाव फरवरी के महीने में आयोजित किया गया था. इसलिए, यह उम्मीद की जा रही है कि राज्य सरकार मार्च 2022 तक चुनाव कराने के लिए प्रक्रिया जल्द ही पूरी कर लेगी.
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