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पीएम आवास योजना के नाम पर लिया अंगूठे का निशान, और फिर हुआ कुछ ऐसा लोगों के उड़ गए होश
jantaserishta.com
8 Aug 2021 6:35 AM GMT
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जनता की सुविधा के लिए जनसेवा केंद्र खोले गए थे लेकिन ये भी अब ठगी का जरिया बनने लगे हैं. पूर्वी उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में जनसेवा केंद्र संचालक की ओर से कई लोगों से लाखों रुपये की ठगी किए जाने का मामला सामने आया है. आरोप है कि जनसेवा केंद्र संचालक पीएम आवास योजना और अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के नाम पर अंगूठे का निशान लेता था और उसकी क्लोनिंग करा बाद में धीरे-धीरे बैंक खाता खंगाल देता था. एक पीड़ित की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने जनसेवा केंद्र संचालक समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
जानकारी के मुताबिक ठगी का यह मामला जिले के रूद्रपुर का है. रूद्रपुर थाना क्षेत्र के एकला मिश्रौलिया गांव निवासी अक्षयवर नाम का किसान कुछ महीने पहले रूद्रपुर कस्बे के एक जनसेवा केंद्र पर गया था जहां उसे पीएम आवास दिलाने का भरोसा दिलाते हुए आधार कार्ड की कॉपी जमा कराकर एक सादे पन्ने पर अंगूठे के निशान ले लिए गए थे. कुछ ऐसा ही जितेंद्र विश्वकर्मा के साथ भी हुआ. कुछ महीने बीत गए लेकिन आवास नहीं मिला. इसी बीच अक्षयवर को पता चला कि उसके खाते से एक लाख 10 हजार और जितेंद विश्वकर्मा के खाते से 50 हजार रुपये निकाल लिए गए हैं.
पीड़ित जब खाते से पैसे गायब होने की शिकायत लेकर बैंक पहुंचे तो बैंक प्रबंधन ने उन्हें यह कहकर भगा दिया कि तुम्हारा अंगूठा लगा है और तुमने खाते से पैसे निकाले हैं. यह सुनकर दोनों पीड़ित सन्न रह गए. दोनों पीड़ित थाने पहुंचे और अपनी शिकायत दर्ज कराई. मामला दर्ज कर साइबर सेल ने जब जांच शुरू की तो तार जनसेवा केंद्र संचालक से जुड़े. साइबर सेल की टीम जब जनसेवा केंद्र पहुंची तो वहां किशन रावत मिल गया. साइबर सेल की टीम अभी किशन से पूछताछ कर ही रही थी कि विकास यादव भी वहां पहुंच गया.
विकास यादव के पास से चार क्लोन बरामद हुए. जब पुलिस ने इन दोनों से कड़ाई से पूछताछ की तो इन्होंने अपना गुनाह कबूल कर लिया. दोनों ने साइबर सेल को बताया कि देवरिया शहर के सिविल लाइंस स्थित ए वन रबर मुहर नाम की दुकान से वे अंगूठे का क्लोन बनवाते थे और इसके बदले दुकानदार को अच्छी रकम देते थे. पुलिस ने जब दुकान पर रेड डाली तो वहां अन्य संबंधित मशीनरी बरामद हुई. साइबर सेल की टीम ने रबर मुहर बनाने की दुकान से मिर्जा शमीम और उसके बेटे फारुख मिर्जा को भी गिरफ्तार कर लिया.
पुलिस ने पीड़ित अक्षयवर को उसका एक लाख रुपया वापस करा दिया है. अपनी लुट चुकी जमा-पूंजी पाकर अक्षयवर भावुक हो गया और फफक-फफक कर रोने लगा. जिलाधिकारी (डीएम) आशुतोष निरंजन और पुलिस अधीक्षक (एसपी) डॉक्टर श्रीपति मिश्र ने प्रेसवार्ता कर इस बड़े गैंग का खुलासा किया. पुलिस ने इनके पास से 19 अंगूठे का क्लोन, सादे कागज पर अंगूठे के 69 निशान, एक थम्ब इम्प्रेशन मशीन, लैपटॉप, कम्प्यूटर सेट, एक क्लोन मशीन, स्कैनर, डिजिटल स्टाम्प मशीन, प्रिंटिंग इंक पैड, फोटो पॉलिनर केमिकल, प्रिंट इन्हेन्सर बरामद किए हैं. एसपी ने ठगों के इस गिरोह का खुलासा करने वाली टीम को 10 हजार रुपये का इनाम देने की घोषणा की है.
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