एमपी। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बैतूल जिले के ग्रामीण इलाकों में इन दिनों बिजली कटौती हो रही है. भीषण गर्मी के बीच बिजली ना हो तो लोग गर्मी से बेहाल हो जाते हैं, ऐसे में गर्मी से बचने का एक अनोखा तरीका सामने आया है. बैतूल के मुलताई में एक अनोखा नजारा सामने आया है, जहां थ्रेसर को ट्रैक्टर से जोड़ कर कूलर बनाया है (Threshar Converted to Cooler). दरअसल ग्रामीण इलाको में बिजली कटौती (Power Cut in Betul) होते रहती है, इसी के चलते लोगों ने गर्मी से राहत पाने के लिए अनोखा जुगाड़ लगाया है. थ्रेसर जो फसल काटने के काम आता है ग्रामीणों ने उससे कूलर बना दिया. ट्रैक्टर से थ्रेसर को जोड़ कर उसमें पानी डाल कर ठंडी हवा का लुत्फ उठाया जा रहा है.
अक्सर कहा जाता है कि आवश्यकता ही अविष्कार की जननी होती है. ग्रामीण अंचलों में हो रही बेहताशा बिजली कटौती से परेशान ग्रामीणों ने थ्रेसर और ट्रैक्टर को जोडक़र कूलर बना लिया. ट्रैक्टर से थ्रेसर घुमाई जा रही है और थ्रेसर में अनाज की जगह पानी डाला जा रहा है जो कूलर की तरह ठण्डी हवा दे रहा है. इस तकनीक से कटौती के बावजूद भी निर्विघ्न शादी समारोह निपट रहे हैं.
बिजली कटौती के बाद अब शादी समारोह में मेहमानों को गर्मी से राहत पहुंचाने के लिए लोगों ने अलग तरीका इजाद किया है. ग्रामीणों द्वारा फसल काटने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली थ्रेसर को ट्रैक्टर के साथ अटैच कर कूलर के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है. थ्रेसर में अनाज की जगह पानी डाला जा रहा है एवं इससे मशीन चला कर लोगों को हवा दी जा रही है. लोगों का कहना है कि क्षेत्र में बिजली कटौती से गर्मी में लोग हैरान परेशान हैं, शादियों में बड़ी संख्या में लोग आते हैं. वहीं दिन के समय में शादी समारोह का आयोजन होता है. ऐसे में भीषण गर्मी से पंडाल में बैठ पाना मुश्किल हो जाता है, इसलिए इस जुगाड़ से हवा पंडाल तक पहुंचाई जा रही है. मुलताई में रहने वाले आशु देशमुख, दिनेश पांडे ने बताया कि उनका विवाह दिन में था और ग्रामीण क्षेत्र में था. ऐसे में वहा गर्मी से बचने के लिए इसका प्रयोग किया गया. जो मेहमानों को भी काफी भाया और इससे लोगो को गर्मी से निजात मिली.
दरअसल इस जुगाड़ के लिए ट्रेक्टर के साथ थ्रेसर अटैच कर चलाई जाती है. तीन घण्टे थ्रेसर चलाने के लिए लगभग 10 लीटर डीजल लगता है और इससे हवा भी बहुत अच्छी और ठंडी आती है.