भगोड़े मेहुल चोकसी के खिलाफ तीन नई एफआईआर दर्ज, PNB ने की थी शिकायत
दिल्ली। सीबीआई ने पंजाब नेशनल बैंक की एक शिकायत पर भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के खिलाफ तीन नई एफआईआर दर्ज की हैं, जिसमें पीएनबी और अन्य कंसोर्टियम बैंकों द्वारा अन्य 6,746 करोड़ रुपये के नुकसान की बात कही गई है. चौकसी के नाटकीय रूप से भागने और 2010 और 2018 के बीच घोटाले का पता लगाने में पीएनबी की विफलता के चार साल बाद, उसने 21 मार्च को सीबीआई के पास तीन शिकायतें दर्ज कराई थी, जिसमें चोकसी और उसकी फर्म गीतांजलि जेम्स लिमिटेड, नक्षत्र ब्रांड्स लिमिटेड और गिली इंडिया लि. को हुए अतिरिक्त नुकसान की सूचना दी गई थी. पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और कंसोर्टियम के अन्य सदस्यों ने इन कंपनियों को ऋण सुविधाएं प्रदान की थीं.
इधर, चोकसी के वकील विजय अग्रवाल ने पीटीआई-भाषा से कहा, "यह एक षडयंत्र है. जब एक FIR दर्ज की गई है और बैंकों को हुए कुल नुकसान के लिए आरोप पत्र दायर किया गया है, तो अब हर छोटे लेनदेन के लिए एक अलग एफआईआर कैसे हो सकती है?" उन्होंने कहा, "इस तरह से तो अगर वे कुल 13,000 करोड़ रुपये के नुकसान का दावा करते हैं, तो उन्हें प्रत्येक रुपये के लिए एक एफआईआर दर्ज करानी चाहिए." उन्होंने आगे कहा कि क्या दीवार का अवैध निर्माण होता है, तो आप प्रत्येक ईंट के लिए एक एफआईआर दर्ज करेंगे.इसीलिए अभियोजन पक्ष के मामले विफल हो जाते हैं. पहले भी कई बार राई के पहाड़ बनाए गए हैं. लेकिन क्या हुआ, मामला सालों से मरा पड़ा है. मामला निचली अदालत में एक इंच भी नहीं बढ़ा है. इसलिए सच्चाई कभी सामने नहीं आएगी."
हीरा कारोबारी के वकील ने कहा कि सतर्कता मैनुअल सर्कुलर में कहा गया है कि कंसोर्टियम केवल एक FIR दर्ज करा सकता है. उन्होंने कहा कि कंसोर्टियम का हर सदस्य अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज नहीं करा सकता. अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने जनवरी 2018 के पहले सप्ताह में भारत से भागने के बाद एंटीगुआ और बारबुडा में रहने वाले चोकसी के खिलाफ मामला दर्ज किया था.
मेहुल चोकसी मई 2018 से एंटीगुआ में रह रहा है और उसके पास वहां की नागरिकता भी है. 23 मई 2021 की शाम को मेहुल चोकसी एंटीगुआ स्थित अपने घर से गायब हो गया था. पता चला था कि वो क्यूबा भागने की फिराक में है, लेकिन उसे डोमिनिका में पकड़ लिया गया था. एंटीगुआ के प्रधानमंत्री गेस्टन ब्राउन का कहना था कि मेहुल चोकसी को भारत को ही सौंप देना चाहिए. हालांकि, डोमिनिका सरकार का कहना है कि वो एंटीगुआ को ही सौंपेगी.