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स्वाइन फ्लू का खतरा मंडराया, एक और राज्य में दी दस्तक

Nilmani Pal
10 July 2022 1:54 AM GMT
स्वाइन फ्लू का खतरा मंडराया, एक और राज्य में दी दस्तक
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उत्तराखंड। देश पिछले ढ़ाई सालों से कोरोना वायरस महामारी से जूझ रहा है. टीकाकरण के बावजूद अभी तक इस महामारी से पूरी तरह से निजात नहीं पाई जा सकी है. इस बीच अब देश पर अफ्रीकी स्वाइन फ्लू का खतरा मंडरा रहा है. उत्तर-पूर्वी राज्यों असम, मिजोरम, सिक्किम और त्रिपुरा के बाद पहाड़ी राज्य उत्तराखंड (Uttarakhand) में भी अफ्रीकी स्वाइन फीवर (Swine Flu) ने दस्तक दे दी है. राज्य के ऋषिकेश नगर निगम क्षेत्र में इस बीमारी के कई मामले सामने आए हैं. ये बीमारी सूअरों में बुखार, मतली और दस्त का कारण बनती है. डरने वाली बात यह है कि स्वाइन फ्लू का कोई टीका भी नहीं है. इस बीमारी की पुष्टि होने के बाद राज्य सरकार ने निवासियों से कम से कम अगले एक सप्ताह तक सूअरों का मांस खाने से बचने की अपील की है.

पिछले सप्ताह के दौरान अधिकारियों को देहरादून, कोटद्वार, चमोली और मुनि की रेती (टिहरी गढ़वाल जिले में) जैसे शहरों में लगभग 200 सुअरों की मौत के लिए सतर्क किया गया था. देहरादून जिले के जिलाधिकारी डॉ आर राजेश कुमार ने जानकारी दी है कि देहरादून जिले के ऋषिकेश नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत सूअर पशुओं में अफ्रीकन स्वाइन फीवर रोग की पुष्टि होने के परिणामस्वरूप, रोग की रोकथाम के लिए क्षेत्र को तीन भागों में बांटा गया है. संक्रमित क्षेत्र, निगरानी क्षेत्र और रोग मुक्त क्षेत्र.

जिलाधिकारी ने बताया कि ऋषिकेश नगर निगम क्षेत्र में इस बीमारी की पुष्टि हुई है. उन्होंने कहा, "एक किलोमीटर के दायरे को संक्रमित क्षेत्र घोषित किया गया है. इस क्षेत्र में सुअर के मांस/सुअर के मांस की दुकानों/सुअर के यातायात पर बैन है. साथ ही बीमार जानवरों को स्वस्थ जानवरों से अलग रखने के लिए कहा गया है." आधिकारिक आंकड़ों में बताया गया है कि सर्विलांस जोन संक्रमित क्षेत्र से 10 किलोमीटर के दायरे में आने वाला क्षेत्र है. इस क्षेत्र में भी सूअरों की आवाजाही पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगी और उक्त क्षेत्र से हर 15 दिन में सूअरों के नमूने लेकर जांच के लिए आईसीएआर-निषाद भोपाल प्रयोगशाला भेजने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही सर्विलांस जोन से बाहर देहरादून जिले के पूरे इलाके को डिजीज फ्री जोन घोषित किया गया है. उक्त क्षेत्र के किसी भी अन्य क्षेत्र में सुअर के किसी भी जानवर को न तो भेजा जाएगा और न ही लाया जाएगा. यानी सूअरों और जानवरों की आवाजाही पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा. सभी प्रतिबंध अगले दो महीने तक या बीमारी की सूचना मिलने तक लागू रहेंगे. भारत में पहली बार स्वाइन फ्लू के मामले मई 2020 में असम और अरुणाचल प्रदेश में सामने आए थे.

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