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माओवादी हमले में शहीद सब इंस्पेक्टर की अंतिम यात्रा में उमड़े हजारों लोग, नम आंखों से दी विदाई

jantaserishta.com
16 Aug 2023 8:44 AM GMT
माओवादी हमले में शहीद सब इंस्पेक्टर की अंतिम यात्रा में उमड़े हजारों लोग, नम आंखों से दी विदाई
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अपने बेटे का मुंह तक नहीं देख पाए और दुनिया को अलविदा कह गए।
रांची: माओवादी हमले में शहीद हुए विशेष पुलिस बल झारखंड जगुआर के सब इंस्पेक्टर अमित कुमार तिवारी की अंतिम यात्रा में हजारों की भीड़ उमड़ पड़ी। उनके पलामू जिला स्थित पैतृक गांव तोलरा में कोयल नदी तट पर उनका राजकीय सम्मान के साथ बुधवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया।
जैसे ही उन्हें मुखाग्नि दी गई, वहां मौजूद लोगों की आंखें नम हो उठीं। मंगलवार की देर रात लगभग दो बजे उनका पार्थिव शरीर रांची से गांव पहुंचा। आधी रात में भी हजारों लोग उनके अंतिम दर्शन के लिए मौजूद थे। उनकी अंतिम यात्रा में सांसद विष्णु दयाल राम, आईजी राजकुमार लकड़ा, एसपी रिष्मा रमेशन, एएसपी ऋषभ गर्ग, एसडीपीओ सुरजीत कुमार भी शामिल रहे।
अमित तिवारी 14-15 अगस्त की रात चाईबासा के टोंटो थाना क्षेत्र के तुम्बाहाका जंगल में वह नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हो गए। इस हमले में तिवारी के अलावा कांस्टेबल गौतम राणा भी शहीद हुए थे। उनका पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार के लिए उनके बिहार के भोजपुर जिला स्थित गांव के लिए ले जाया गया है। 2012 बैच के सब इंस्पेक्टर थे और पिछले कुछ महीने से झारखंड जगुआर में तैनात थे।
अमित तिवारी चार दिन पहले जन्मे अपने बेटे का मुंह तक नहीं देख पाए और दुनिया को अलविदा कह गए। मंगलवार की शाम रांची के जगुआर में राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने उन्हें श्रद्धांजलि दी थी। उसके बाद पार्थिव शरीर पलामू के लिए रवाना किया गया था। अमित के पिता देवेंद्र तिवारी पेशे से किसान हैं। वहीं, चाचा निरंजन कुमार तिवारी पुलिस में इंस्पेक्टर हैं और झारखंड में ही तैनात हैं। अमित तिवारी के घर के कई सदस्य पुलिस सेवा में कार्यरत हैं।
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