लड़की के लिए देवदूत बन गई ये महिला, सालों पहले किसी ने किया था अपहरण
जानकारी के अनुसार, साल 2010 में कर्नाटक के हुबली के पास की रहने वाली लड़की और उसकी दो बहनों को परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने की वजह से अनाथ आश्रम में शरण लेनी पड़ी थी. अनाथ आश्रम में लड़की आए दिन बीमार रहने लगी तो उसे वापस घर ले जाना पड़ा और वहीं सरकारी स्कूल में दाखिला करा दिया गया. साल 2011 में वह 8वीं में पढ़ रही थी, तभी एक दिन स्कूल से हुबली के गुरनाम नाम के व्यक्ति ने लड़की को अगवा कर लिया और राजस्थान के जोधपुर लेकर पहुंच गया. आरोप के मुताबिक गुरनाम ने लड़की को जोधपुर के पास एक युवक को डेढ़ लाख रुपये में बेच दिया. युवक ने लड़की का डेढ़ लाख रुपये में सौदा करने के बाद उससे शादी कर ली. लड़की को आए दिन मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान किया जाता था. साल 2018 में उसने एक बच्चे को भी जन्म दिया. प्रताड़ना से परेशान होकर लड़की ने घर से भागने का फैसला कर लिया.
इसी साल 2 जुलाई को पीड़ित लड़की अपने घर से भागकर जोधपुर रेलवे स्टेशन पर पहुंची, जहां गुजरात के मूल पाटन की रहने वाली सरोजबेन राठौड़ की नजर उस पर गई. रोती हुई लड़की से पूछा तो पूर्णिमा ने आपबीती बताई. इसके बाद सरोजबेन जोधपुर के पुलिस स्टेशन पहुंचीं. इसके बाद पीड़िता को पाटन के सखी वन सेंटर में रखा. इसके बाद कर्नाटक पुलिस से संपर्क किया. कर्नाटक पुलिस ने उसकी दो बहनों का पता लगाया और वीडियो कॉल पर बात कराई. इसके बाद पीड़िता की बहनें और अन्य लोग कर्नाटक से गुजरात के पाटन पहुंचे. बहनों ने 11 साल पीड़िता को देखा तो आंखें नम हो गईं.