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मां बनने के बाद आईएएस टीना डाबी का जमकर वायरल हो रहा ये वीडियो

jantaserishta.com
16 Sep 2023 8:13 AM GMT
मां बनने के बाद आईएएस टीना डाबी का जमकर वायरल हो रहा ये वीडियो
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जयपुर: राजस्थान कैडर की चर्चित आईएएस टीना डाबी के घर किलकारी गूंजी है। शुक्रवार देर रात बेटे को जन्म दिया है। दरअसल, मई 2023 को पाक विस्थापित हिंदू महिलाओं ने टीन डाबी को पुत्र होने को आशिर्वाद दिया था। उस समय टीना डाबी जैसलमेर की कलेक्टर थीं। मामला यह था कि पाकिस्तान से भारत आए विस्थापित हिंदू परिवारों को बसाने के लिए जैसलमेर प्रशासन ने 40 बीघा जमीन पर बसाहट के लिए काम शुरू किया था। इस दौरान जैसलमेर की तत्कालीन जिला कलेक्टर टीना डाबी पाक विस्थापितों के नए आशियाने स्थल पर पहुंची थीं। चर्चा है कि टीना डाबी और प्रदीप गवांडे की जिंदगी में आए खुशी के इस लम्हे के पीछे उस वृद्ध महिला का आशीर्वाद है।
यूआईटी द्वारा पाक विस्थापितों के लिए मूल सागर में 40 बीघा जमीन आंवटित की गई थी। जमीन मिलने के खुशी में वहां पर मौजूद महिलाओं ने टीना को बेटा होने का आशीर्वाद भी दिया। जवाब सुनकर टीना डाबी खिल खिला उठीं थी। हालांकि, टीना डाबी ने कहा कि बेटा हो बेटी कोई फर्क नहीं, लेकिन चर्चा है कि टीना डाबी और प्रदीप गवांडे की जिंदगी में आए खुशी के इस लम्हे के पीछे उस वृद्ध महिला का आशीर्वाद है।
उल्लेखनीय है कि दंपती प्रदीप गवांडे और टीना डाबी को पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई है। इस खास मौके पर उन्हें मिल रही बधाइयों और शुभकामनाओं के बीच ट्विटर पर टीना डाबी टॉप ट्रेंड कर रही है। खासतौर से इस मौके पर जैसलमेर में पाक विस्थापित महिला के आशीर्वाद की चर्चा हो रही है, जिसने पुनर्वास के लिए जमीन दिए जाने पर तत्कालीन कलेक्टर टीना डाबी को महिला ने पुत्र रत्न की प्राप्ति का आशीर्वाद दिया था।
टीना डाबी 5 जुलाई से मैटरनिटी लीव पर थीं और जयपुर की एक निजी अस्पताल में उनकी डिलीवरी हुई है। पिछले हफ्ते टीना डाबी की बहन रीया डाबी ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर टीना डाबी के बेबी शावर की तस्वीरों को साझा किया था, जिसमें गोद भराई की रस्म में भी नजर आईं। इस दौरान डाबी बहनें अपने पतियों के साथ दिखाई दीं। वहीं, बाकी रिश्तेदार भी नजर आए। 9 नवंबर 1989 को दिल्ली में जन्मीं टीना डाबी ने 2015 यूपीएससी की परीक्षा को टॉप किया था और राजस्थान कैडर पर पोस्टेड हुईं थीं। मैटरनिटी लीव पर आने से पहले वह जैसलमेर में कलेक्टर पद पर काबिज थीं, जहां पाकिस्तान से आए विस्थापित परिवारों के कैंप में उन्हें पुत्र प्राप्ति का आशीर्वाद मिला था।
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