उन्होंने कहा, “इसके अतिरिक्त, सभी संबंधित विभागों के साथ समन्वय बनाए रखा गया है ताकि जो भी कार्य लंबित हों, उसे शीघ्रता से पूरा किया जा सके। इस बार महाकुंभ में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की संभावना है, जिसके मद्देनजर राज्य सरकार ने विस्तृत तैयारी की है। रेलवे ने भी इस प्रक्रिया में अपना पूर्ण सहयोग दिया है। रेलवे इस बार तीन हजार विशेष ट्रेनें चलाएगा। इसके अलावा लगभग 10 हजार नियमित ट्रेनों का भी आयोजन किया गया है, जिससे श्रद्धालुओं को यात्रा में सुविधा मिलेगी। कुल मिलाकर, इस बार महाकुंभ के लिए 13 हजार ट्रेनों की व्यवस्था की गई है, जो पिछले कुंभ की तुलना में काफी अधिक है।” उन्होंने कहा, “इसके अलावा, यह भी सुनिश्चित किया गया है कि सभी गाड़ियों को पूरी सुरक्षा और सावधानी के साथ प्रयागराज तक भेजा जाए। इंजन से जुड़ी कोई भी समस्या न हो, इसके लिए अतिरिक्त विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं। विशेषकर, कुछ गाड़ियों को पूरी तरह से तैयार करके यहां लाया गया है, और नियमित गाड़ियों में भी दोनों तरफ इंजन लगाए गए हैं ताकि किसी भी ट्रेन को बार-बार रिवर्सल न करना पड़े।”
उन्होंने कहा, “इस कुंभ के दौरान, प्रयागराज और वाराणसी के बीच पटरी डबलिंग का कार्य भी पूरा किया गया है। इस परियोजना के तहत, गंगा नदी पर 100 साल बाद एक नया पुल भी बनाया गया है। इसके परिणामस्वरूप रेलवे की क्षमता में काफी वृद्धि हुई है। पिछले कुंभ में जहां सात हजार ट्रेनें चली थीं, वहीं इस बार लगभग 13 हजार ट्रेनें चलायी जाएंगी, जो संख्या के हिसाब से दोगुनी है। इस तरह, महाकुंभ की तैयारियां बेहद बड़े पैमाने पर की गई हैं और इस बार श्रद्धालुओं को यात्रा में किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होने वाली है।”