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नई दिल्ली। पुरुष से पुरुष और स्त्री से स्त्री की शादी को कानूनी मान्यता की बात भारत में तो अटक गई. लेकिन भारत से लगभग 5,700 किलोमीटर दूर इस देश की संसद ने समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता दे दी है. जिस देश में समलैंगिक विवाह यानी सेम सेक्स मैरिज को अनुमति मिली है, वो ग्रीस है. ग्रीस एक कट्टर ईसाई मुल्क है और चर्च के विरोध के बावजूद संसद ने समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने वाले बिल को पास कर दिया है. गुरुवार को ग्रीस की संसद में ये बिल पेश किया गया था. बिल के समर्थन में 176 वोट पड़े. 76 सांसदों ने इसका विरोध किया. दो सांसदों ने वोटिंग से दूरी बनाई. जबकि, वोटिंग के दौरान 46 सांसद संसद में मौजूद नहीं थे. इस तरह से 300 सीटों वाली संसद में ये बिल आसानी से पास हो गया.
इसके साथ ही ग्रीस समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने वाला पहला ईसाई मुल्क बन गया है. इस बिल के पास होने के बाद समलैंगिकों ने जश्न मनाया और इसे ऐतिहासिक फैसला करार दिया. बिल को संसद की मंजूरी मिलने के बाद ग्रीस के प्रधानमंत्री किरियाकोस मित्सोताकिस ने कहा कि नया कानून समाज में गंभीर असमानता को खत्म कर देगा. ग्रीस का नया कानून न सिर्फ समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देता है, बल्कि ऐसे जोड़ों को शादी के बाद बच्चा गोद लेने का अधिकार भी देता है. बिल पर बहस के दौरान प्रधानमंत्री मित्सोताकिस ने कहा कि जो लोग अब तक समाज में मुख्यधारा में नहीं थे, वो अब नया कानून बनने के बाद मुख्यधारा में आ जाएंगे. इस नए सुधार से कई लोगों की जिंदगी बेहतर हो जाएगी.
लेकिन इस नए कानून ने देश को बांट दिया है. ऑर्थोडॉक्स चर्च ने इसकी कड़ी आलोचना की है. राजधानी एथेंस में कानून के विरोध में रैलियां की जा रही हैं. ऑर्थोडॉक्स चर्च के हेड आर्कबिशप लेरोनिमोस ने कहा कि नया कानून सामाजिक ताने-बाने को बिगाड़ देगा. चर्च ने बिल के समर्थन में वोट करने वाले सांसदों का बहिष्कार करने की धमकी दी है. वहीं, धुर दक्षिणपंथी स्पार्टन पार्टी के एक नेता ने कहा कि नया कानून 'नरक' के दरवाजे खोल देगा. पूर्व प्रधानमंत्री एंटोनिस समारास ने इस बिल के विरोध में वोट किया था. उन्होंने कहा, हां मैंने बिल के विरोध में वोट किया है. समलैंगिक जोड़ों की शादी मानवाधिकार नहीं है. वहीं, विपक्षी सांसद एलिनिकी लिसी ने बिल को 'ईसाई विरोधी' कहते हुए इसे राष्ट्रीय हित के खिलाफ बताया है.
हाल के सर्वे में सामने आया था कि इस मुद्दे पर ग्रीक के लोगों की राय बंटी हुई है. शक्तिशाली ऑर्थोडॉक्स चर्च समलैंगिकता को पाप मानता है और उसने समलैंगिक विवाह का कड़ा विरोध किया था. प्रधानमंत्री ने एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा, आज रात से समलैंगिक विवाह को अनुमति देने वाला ग्रीस यूरोपियन यूनियन का 16वां देश बन गया है. ये मानवाधिकारों के लिए मील का पत्थर है, जो आज के ग्रीस को दिखाता है. ग्रीस एक प्रोग्रेसिव, लोकतांत्रिक देश और यूरोपियन वैल्यू को लेकर पूरी तरह से कमिटेड है. समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता मिलने पर समलैंगिकों ने खुशी जाहिर की है. सेम सेक्स पैरेंट्स ग्रुप रेनबो फैमिलीज की प्रमुख स्टेला बेलिया ने कहा कि ये ऐतिहासिक पल है. ये खुशी का दिन है. ग्रीक ट्रांसजेंडर सपोर्ट एसोसिएशन की सदस्य एरमिना पापाडिमा ने कहा, मुझे ग्रीक की नागरिक होने पर गर्व है. ग्रीक अब असल में प्रोग्रेसिव देशों में से एक बन गया है. उन्होंने कहा, लगता है कि अब लोगों की सोच बदल रही है, हमें अभी और इंतजार करना होगा और कानून इसमें मदद करेगा.
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