दिसंबर 1991 में कन्याकुमारी से जब 'एकता यात्रा' की शुरुआत की गई थी, उस वक्त नरेंद्र मोदी भारतीय जनता पार्टी के एक सामान्य कार्यकर्ता थे। एकता यात्रा के जरिए भारत को एकजुट करने के लिए वह तमिलनाडु और अन्य राज्यों की प्रतीकात्मक रूप से मिट्टी लेकर आए थे। उनकी यह ऐतिहासिक यात्रा 26 जनवरी 1992 को कश्मीर में तिरंगा फहराने के साथ खत्म हुई थी। यह यात्रा 45 दिनों में 14 राज्यों से होकर गुजरी थी।
इसी यात्रा के अंतिम पड़ाव में नरेंद्र मोदी ने कश्मीर के लाल चौक पर तिरंगा फहराया था। उस वक्त उन्होंने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने का संकल्प लिया था। अब लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण के चुनाव अभियान की समाप्ति के साथ पीएम मोदी की कन्याकुमारी यात्रा और पीएम मोदी का विवेकानंद रॉक मेमोरियल के ध्यान मंडपम में ध्यान करने के कार्यक्रम के बीच इस 33 साल पुरानी तस्वीर को सोशल मीडिया पर आप वायरल होते देख सकते हैं।
हालांकि पीएम मोदी की इस यात्रा के कार्यक्रम के बारे में जानकारी मिलते ही कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल ने इस पर सियासत तेज कर दी है। कांग्रेस तो इसको लेकर चुनाव आयोग के भी दरवाजे खटखटा चुकी है।