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इस शख्स ने बिना किताब छूए पास की सिविल सर्विस परीक्षा, बने बड़े अधिकारी

Teja
6 Jan 2022 11:12 AM GMT
इस शख्स ने बिना किताब छूए पास की सिविल सर्विस परीक्षा, बने बड़े अधिकारी
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आज की करियर ओरिएंटेड दुनिया में हर कोई एक सपना पूरा करने के लिए आगे बढ़ रहा है। इसी तरह का सपना देख रहे थे केरल के कुली श्रीनाथ के, जिन्होंने सिविल सर्वेंट बनने का सपना पूरा कर लिया है


जनता से रिश्ता वेबडेस्क | आज की करियर ओरिएंटेड दुनिया में हर कोई एक सपना पूरा करने के लिए आगे बढ़ रहा है। इसी तरह का सपना देख रहे थे केरल के कुली श्रीनाथ के, जिन्होंने सिविल सर्वेंट बनने का सपना पूरा कर लिया है। उन्होंने न केवल अपने सपने को पूरा किया, बल्कि कई उम्मीदवारों के लिए प्रेरणा बन गए जो KPSC, UPSC, UPPSC, RPSC, BPSC जैसी सिविल सर्विस परीक्षा में शामिल होने जा रहे हैं। उनकी सफलता की कहानी महत्वपूर्ण है क्योंकि उन्होंने बिना किसी किताब और प्राइवेट ट्यूटर के इस परीक्षा को पास किया है। आइए जानते हैं उनके बारे में।
श्रीनाथ मुन्नार के मूल निवासी हैं जो केरल के एर्नाकुलम रेलवे जंक्शन पर कुली का काम करते थे। वह एक मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखते हैं और अपने परिवार में वह अकेल हैं जो कमाते हैं।
एक युवा के रूप में उनका कठिन काम और कठिन जीवन था। साल 2018 में जब वह 27 साल के थे, उन्होंने महसूस किया कि कुली की आय उसके परिवार के लिए पर्याप्त नहीं है। उस समय उनकी एक साल की बेटी थी
श्रीनाथ चाहते हैं जो परेशानी उन्होंने बचपन और जवानी में देखी है, वह उनकी बेटी न देखें। ऐसे में उन्होंने अपनी बेटी को एक अच्छा बचपन देने का फैसला किया। उन्होंने अपनी कमाई 400-500 प्रतिदिन बढ़ाने के लिए रात की शिफ्ट में काम करना शुरू कर दिया, लेकिन इसके बावजूद, उनका खर्चा पूरा नहीं हो रहा था।
श्रीनाथ हमेशा अपने परिवार के बारे में सोचते थे और चाहते थे कि कैसे भी परिवार के भविष्य को बेहतर बनाया जाए। एक दिन उनके मन में केरल लोक सेवा आयोग (KPSC) परीक्षा देने का विचार आया, लेकिन वह जानते थे कि वह कोचिंग सेंटर की फीस नहीं दे पाएंगे। इसके बाद उन्होंने KPSC की तैयारी करने का दूसरा तरीका निकाला।
बिना किताब छूए पास की परीक्षा
उस वक्त उनके पास उनका सेल फोन था। वह जानते थे कि जनवरी 2016 में, सरकार ने मुंबई सेंट्रल रेलवे स्टेशन में फ्री वाईफाई सेवा प्रदान की है, जिसके बाद वह मुंबई सेंट्रल आए और KPSC सिविल सेवा की तैयारी शुरू कर दी।
श्रीनाथ के पास जितना पैसा था, उन्होंने किताबों पर नहीं बल्कि एक ईयरफोन, एक मेमोरी कार्ड, एक सिम कार्ड और एक स्मार्टफोन पर खर्च किया। अब वह फ्री वाईफाई की मदद से श्रीनाथ रेलवे स्टेशन पर काम करते हुए ऑनलाइन लेक्चर सुनते थे।
श्रीनाथ ने इस तकनीक का उपयोग करके केरल लोक सेवा परीक्षा (KPSC) की लिखित परीक्षा साल 2018 में पास की। श्रीनाथ शुरू से ही एक ऐसी नौकरी की कामना कर रहे थे जो उन्हें अपने गांव और परिवार की स्थिति बदलने में मदद करें और उन्हें उचित मासिक आय मिले। बता दें, वर्तमान में वह
सरकार के भू-राजस्व विभाग के तहत एक ग्राम क्षेत्र सहायक (village field assistant) के रूप में कार्यरत हैं।
उन्होंने कहा था, "मैं परीक्षा के लिए तीन बार उपस्थित हुआ हूं और यह पहली बार है जब मैंने स्टेशन पर वाई-फाई का उपयोग किया है। मैं ईयरफो की मदद से लेक्चर सुनता हूं और अपने दिमाग में प्रश्नावली हल करता हूं। इस तरह मैं काम करते हुए पढ़ाई कर सकता हूं। जब मुझे खाली समय मिलता है तो मैं रात में अपने सारे काम को रिवाइज करता हूं" उन्होंने कहा था, "स्टेशन पर मुफ्त वाईफाई सेवा ने उनके लिए ऐसे अवसर खोले हैं"
उन्होंने कड़ी मेहनत की और कभी हार नहीं मानी। उन्होंने अपनी नौकरी भी नहीं छोड़ी। कुली की नौकरी छोड़ना उसके लिए बिल्कुल भी विकल्प नहीं था। क्योंकि यही उनके परिवार की आजीविका का एकमात्र स्रोत था। श्रीनाथ के का जीवन कई लोगों के लिए एक उदाहरण है, जिन्हें समान अवसर नहीं मिलते हैं लेकिन वे अपना जीवन स्वयं बनाना चाहते हैं।



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