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बीड:- आमतौर पर लोग मंदिर के बाहर या अन्य जगहों पर जरूरतमंद लोगों या भिखारियों (Beggars) को जरूरत का सामान देते रहते हैं. लोग अधिकांश भिखारियों को रुपये भी देते हैं. मंदिर के बाहर अमूमन ऐसा होता है कि रोजाना वहां भिखारियों को लोग बड़ी संख्या में रुपये देते हैं. लेकिन कभी आपने सोचा है कि भिखारियों के पास कुल कितना जमा रकम होती है, वो भी कैश में! अगर नहीं सोचा हो तो यह खबर पढ़कर आप चौंक सकते हैं.
दरअसल महाराष्ट्र (Maharashtra) के बीड में पर्ली का रहने वाला एक भिखारी वैजनाथ मंदिर के बाहर रोजाना बैठकर भीख मांगता है. उसका नाम बाबूराव नायकवाडे है. मंदिर आने वाले या वहां से गुजरने वाले लोग उसे रोजाना कुछ ना कुछ सामान या पैसे देते हैं. वह कई साल से भीख मांग रहा है. वह लोगों से मिल पैसे एक बैग में रखता है. लेकिन सोमवार को उसका बैग खो गया.
इसके बाद वह चिंतित होकर पर्ली पुलिस के पास पहुंचा. उसने पुलिस को बताया कि उसका बैग खो गया है. यह सुनकर पुलिस थोड़ा चौंकी कि एक भिखारी का बैग खो गया है और वो शिकायत दर्ज कराने आया है. इस पर पुलिस ने उससे पूछा कि आखिर उस बैग में ऐसा क्या था, जो कि वह उसे खोज रहा है. इसके बाद बाबूराव ने पुलिस को बताया कि उस बैग में उसके 1 लाख 72 हजार 290 रुपये हैं. ये सुनकर पुलिस और चौंक गई.
पुलिस ये बात मानने को तैयार नहीं थी. लेकिन बाबूराव लगातार रो रहा था. इसके बाद पुलिस हरकत में आई और उसने बाबूराव का बैग खोजने की शुरुआत की. करीब 3 घंटे के बाद पुलिस को उसका बैग रामनगर टांडा के पास एक जगह पर मिला.
बैग में बाबूराव के 1.72 लाख रुपये पूरी तरह सुरक्षित थे. पुलिस ने बाबूराव को उसका बैग सौंप दिया. अब पुलिस यह जांच कर रही है कि उसका बैग खोया था या चोरी हुआ था. हालांकि पुलिस ने बाबूराव को एक बैंक अकाउंट खुलवाकर उसमें रुपये रखने का सुझाव दिया ताकि उसके रुपये सुरक्षित रहें.
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