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न्यूज़ क्रेडिट: हिंदुस्तान
रांची: धनबाद के जज उत्तम आनंद हत्याकांड में सजा सुनाए जाने के बाद भी सीबीआई जांच जारी रखेगी। गुरुवार को चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने इसकी अनुमति दे दी और 16 सितंबर को जांच की प्रगति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश सीबीआई को दिया। बुधवार को सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से अदालत में केरल हाईकोर्ट का एक आदेश पेश किया गया।
इस आदेश का हवाला देते हुए सीबीआई की ओर से बताया गया कि ट्रायल पूरा होने के बावजूद कुछ नए तथ्य आने पर अनुसंधान जारी रखा जा सकता है। इस आदेश के आलोक में हाईकोर्ट ने सीबीआई को जांच करने की छूट प्रदान कर दी। सुनवाई के दौरान सीबीआई के एसपी कोर्ट में मौजूद थे। पिछली सुनवाई के दौरान सीबीआई ने अदालत को बताया था कि इस मामले का अनुसंधान अभी भी जारी है।
सीबीआई इस केस के षड्यंत्र तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। इस पर हाईकोर्ट ने पूछा था कि जब ट्रायल पूरा हो गया है। आरोपियों को सजा भी सुना दी गई है, तब किस आधार पर सीबीआई इसकी जांच कर सकती है। सीबीआई को जांच का आधार बताने को कहा गया था। बता दें कि जज उत्तम आनंद की मौत पिछले साल 28 जुलाई को ऑटो की टक्कर से हो गई थी। उस समय वह मॉर्निंग वॉक कर रहे थे।
इस घटना के बाद हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था और सरकार ने सीबीआई जांच का आदेश दिया था। सीबीआई ने जांच पूरी करने के बाद इसे हत्या का मामला माना और दो आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। निचली अदालत ने छह अगस्त को दोनों आरोपी को उम्रकैद की सजा सुनायी है।
सुनवाई के दौरान अदालत ने सीबीआई के एसपी से पूछा कि व्हाट्सएप का मैसेज स्वयं व्हाट्सएप भी नहीं पढ़ पाता है, तो आगे की जांच कैसे होगी। इस पर एसपी ने कहा कि उनके पास अगर मोबाइल दिया जाए तो वे डिलीट मैसेज को भी रिकवर कर सकते हैं। चैट से ही पता चल पाएगा कि आखिर जज का सटीक लोकेशन किसने बताया था, तभी ऑटो ने उन्हें टक्कर मारी है। इसके बाद ही सीबीआई किसी नतीजे पर पहुंच सकती है। सीबीआई आगे की जांच करना चाहती है। इस पर अदालत ने कहा कि सीबीआई इसमें आगे की कार्रवाई कर सकती है।
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