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यह SDM का फरमान है, सिक्का नहीं लिया तो दर्ज होगा राजद्रोह का केस
jantaserishta.com
13 April 2022 12:24 PM GMT
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एक ऐसा सर्कुलर जारी किया है, जिसे सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे!
अहमदाबाद: गुजरात के पाटन में एक ऐसा सर्कुलर जारी किया है, जिसे सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे! पाटन जिले के शहर और गावों में भारतीय रिजर्व बैंक से जारी किए हुए 5 और 10 के सिक्के छोटे और बड़े व्यापारी नहीं लेते थे और बैंक का हवाला देकर छूट जाते थे कि बैंक लेती नहीं है इसलिए हम नहीं लेते हैं. पिछले कई समय से पाटन में 5 और 10 रुपए के सिक्के मानो बंद ही हो गए हैं.
क्या पेट्रोल पम्प, क्या सब्जी वाला, क्या किराना स्टोर वाला या रिक्शा वाला 5 और 10 का सिक्का देखते ही मना कर देते थे, लेकिन पाटन के SDM ने एक परिपत्र (सर्कुलर) जारी किया जिसमें साफ लिखा है कि जो भी व्यापारी 5 और 10 के सिक्के नहीं लेगा उस पर भारतीय दंड सहिता कलम (124-A के अंतर्गत) राजद्रोह का मामला दर्ज होगा. ऐसे में यहां अब सिक्के लेने से इनकार किया गया तो इनकार करने वाला राजद्रोही कहलाएगा.
पाटन के एसडीएम सचिन कुमार ने इस मामले में कहा कि पाटन में कुछ ऐसी शिकायतें आई हैं कि कुछ दुकानकार/व्यापारी 10 रुपए के सिक्के लेने से मना कर रहे हैं, लेकिन मैं सभी को बता दूं कि भारतीय रिजर्व द्वारा मान्यता मिली हुई मुद्रा कोई भी लेने से इनकार करे तो भारतीय दंड संहिता कलम 124-A के अंतर्गत राजद्रोह का मामला बनता है.
घटना से पीड़ित एक व्यक्ति ने बताया कि 9 अप्रैल 2022 को पाटन की नवजीवन सर्कल पर मौजूद एक पेट्रोल पंप पर वो पेट्रोल लेने के लिए गया हुआ था. जिसमें उसने 50 रुपए का पेट्रोल भरने के लिए कहा और 10-10 के 5 सिक्के दिए तो वहां मौजूद कर्मचारी ने पेट्रोल भरने से मना कर दिया. पीड़ित ने कहा कि मैंने तब पम्प मालिक से शिकायत की तो उन्होंने कहा कि बैंक सिक्के स्वीकारती नहीं है इसलिए हम नहीं लेते हैं.
पीड़ित ने आगे बताया कि तब मैंने पाटन के बी डिवीजन पुलिस स्टेशन में शिकायत की और कलेक्टर और SDM को भी लिखित जानकारी दी. फिर SDM ने पेट्रोल पम्प के मालिक को बुलाया और मुझे भी बुलाया और कार्रवाई करने की बात कही. वहीं इस मामले में पेट्रोल पम्प के मालिक का कहना है कि हमने किसी कर्मचारी को सिक्के लेने से मना नहीं किया है.
उन्होंने कहा कि कर्मचारी के जेब में सिक्कों से ज्यादा वजन बढ़ता है इसलिए लेने से मना किया होगा और SDM के फैसले से हम खुश हैं. उम्मीद है बैंक वाले भी इस निर्णय को स्वीकारें ताकि आसानी रहे कभी कभी बैंक वाले भी समय के अभाव कारण सिक्का लेने से इनकार करते हैं.
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