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ये हैं गरीब बच्चों की फेवरेट टीचर, पढ़े दिल को छू लेने वाली खबर

jantaserishta.com
22 July 2021 8:56 AM GMT
ये हैं गरीब बच्चों की फेवरेट टीचर, पढ़े दिल को छू लेने वाली खबर
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गोकुल आवास के सामने कपड़ा बिछाकर बच्चों को पढा रही हैं.

अहमदाबाद के जोधपुर इलाके में आई इस गोकुल आवास के सामने कपड़ा बिछाकर बच्चों को पढा रही हैं. अहमदाबाद म्युनिसिपल स्कूल की ही मित्तल पंड्या आजकल इन बच्चों की फेवरेट टीचर बन गई हैं. दरअसल पिछले डेढ़ साल से जब से कोरोना की वजह से प्राइमरी और सेकेंड्री स्कूल गुजरात में बंद हैं. जि‍स वजह से माता-पिता अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे हैं, लेकिन हालात ये हैं कि ये ऐसे गरीब मां-बाप के बच्चे हैं जो दो वक्त का खाना मुश्क‍िल से हासिल कर पाते हैं.

ऐसे हालात में स्मार्टफोन लाकर बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाना इनके लिए संभव नहीं है. पिछले एक साल से इन बच्चों की जरा-भी पढ़ाई नहीं हो पाई है. अहमदाबाद म्युनिसिपल स्कूल बोर्ड के जरिये अब ऐसे बच्चों की पढ़ाई के लिए खुद टीचर उनके घर या आसपास के इलाके में खुले आसमान के नीचे सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बच्चों को पढ़ा रही हैं ताकि बच्चों की पढ़ाई भी हो पाए और वो कोरोना का शिकार भी ना हों.
बच्चों के लिए भी ये अनुभव काफी अलग है. दरअसल ये ऐसे बच्चे हैं जिनके माता-पिता के पास स्मार्ट फोन नहीं है. न ही वो अफोर्ड कर सकते हैं. वैसे भी पिछले एक साल में बच्चों की बिलकुल भी पढ़ाई नहीं हो पाई. अब टीचर खुद बच्चों के पास पढ़ाने के लिए आती हैं तो छात्रों की भी पढ़ाई हो जाती है. छात्र तुषार चौहान ने कहा कि हमें अच्छा लगता है कि टीचर यहां पढ़ाने के लिए हमारे यहां आती हैं, हमारे पास मोबाइल नहीं है, वैसे पढ़ाई नहीं हो पाती थी. अब टीचर आते हैं तो पढाई भी होती है और अच्छा लगता है.
अहमदाबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के जरिये ज्यादातर स्कूल में अब इस तरह के इन्तजाम किए गए हैं. जिन बच्चों के पास मोबाइल नहीं है, खुद टीचर ऐसे बच्चों के पास जाते हैं और उन्हें पढ़ाई की सामग्री मुहैया करवाते हैं. गरीब बच्चे जो पढ़ाई करना चाहते हैं, उनके लिए इस तरह से टीचर का आकर पढ़ाना और वापस बच्चों में पढ़ाई के लिए दिलचस्प जगाना काफी मायने रखता है.
गरीब बच्चों की पढाई में मदद करने वाले दिनेश देसाई कहते हैं कि कह रहे हैं कि बच्चों की पढ़ाई को लेकर दिलचस्पी ही खत्म हो गई थी, लेकिन अब जब टीचर यहां आती हैं तो कम से कम 40 से 50 छात्र होते हैं जिन्हें टीचर पढाती हैं. ऐसे में साफ है कि ऑनलाइन पढाई के लिए मोबाइल और डेटा ये दोनों गरीब बच्चों को नहीं मिल पा रहा है, वैसे इस प्रयास से बच्चे पढ़ाई के लिए एक बार फिर आने लगे हैं और अपनी दिलचस्पी भी दिखाने लगे हैं.
बता दें कि गुजरात में फिलहाल सिर्फ कॉलेज और 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई शुरू की गई है. इसमें भी स्कूल या कॉलेज में आने वाले छात्रों को अपने अभिभावकों से अनुमति‍ पत्र प्रशासन को जमा करवाना होगा. जो छात्र कॉलेज या स्कूल नहीं जाना चाहते हैं उन पर प्रशासन किसी भी तरह का दबाव नहीं डाल सकता है. उनके लिए स्कूल कॉलेज को ऑनलाइन पढ़ाई जारी रखनी होगी.
वहीं 12वीं के अलावा अभी तक सरकार ने ये तय नहीं किया है कि कब वो दोबारा स्कूल शुरू करेंगे. गुजरात में कोरोना संक्रमितों की तादाद में लगातार कटौती हो रही है, अब कोरोना संक्रमितों की तादाद 24 है जबकि एक्ट‍िव केस की तादाद 437 हो गई है.

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