ये है डेल्टा और ओमिक्रोन में अंतर, जानिए लक्षण के बारें में विस्तार से
भारत समेत दुनिया के कई देशों में कोरोना महामारी से दहशत का माहौल है. कोरोना और उसके नए वेरिएंट ओमिक्रोन के तेजी से संक्रमण ने दुनिया के कई देशों की चिंता बढ़ा दी है. इस बीच कई देशों में ओमिक्रोन के साथ साथ डेल्टा वेरिएंट से भी संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं. देशभर में एक्टिव केस की संख्या 13 लाख से अधिक हो गई है जिसमें ओमिक्रोन और डेल्टा वेरिएंट से संक्रमण के मामले शामिल हैं. भारत में ओमिक्रोन वेरिएंट से संक्रमण की संख्या 6 हजार के आंकड़े को पार गई है. महाराष्ट्र और दिल्ली कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित नजर आ रहे हैं. महाराष्ट्र में ओमिक्रोन के साथ साथ डेल्टा वेरिएंट से भी संक्रमण के काफी मामले सामने आए हैं. हालांकि विशेषज्ञ शुरुआत से ही ओमिक्रोन वेरिएंट को डेल्टा से कम घातक बता रहे हैं. हालांकि ओमिक्रोन को ज्यादातर शोध में ज्यादा संक्रामक बताया गया है.
कोविड-19 का डेल्टा संक्रमण होने पर गला खराब होना, नाक बहना, सिर में दर्द होना शुरुआती लक्षण हैं. बाद में स्वाद और गंध का अनुभव ना होने की समस्या भी हो सकती है. इसमें मरीज को सांस लेने में तकलीफ ज्यादा देखी गई है. ये इस वायरस का खास लक्षण है. ओमिक्रोन संक्रमण के मामले में भी गले में जलन या खराश की समस्या होती है. सर्दी-जुकाम और कमजोरी भी महसूस हो सकती है. इसमें ठंड लगने के साथ बुखार आता है.
कोरोना के ओमिक्रोन वेरिएंट की पहचान दक्षिण अफ्रीका और बोत्सवाना में पिछले साल नवंबर में की गई थी. जिसके बाद से ये वेरिएंट 100 से अधिक देशों में फैल चुका है. ओमिक्रोन वेरिएंट से संक्रमण के मामले सामने आने के बाद से साइंटिस्ट दोनों की तुलना करने में जुटे हैं. बेंगलुरु के जाने माने डॉक्टर एसएन अरविंद का कहना है कि ओमिक्रोन वेरिएंट से डेल्टा वेरिएंट के मुकाबले बहुत कम लोगों को सूंघने की क्षमता कम हुई. इस बात की पुष्टि कई दूसरे देशों के शोधकर्ताओं ने भी की है. उन्होंने कहा कि ओमिक्रोन के मुकाबले डेल्टा संक्रमण के मामले में गंभीर लक्षण दिखते हैं. ओमिक्रोन के लक्षण काफी हल्के हैं साथ ही ये फेफड़ों (Lungs) को भी डेल्टा के मुकाबले कम प्रभावित कर रहा है. ओमिक्रोन से संक्रमित ज्यादतर मरीजों में ऑक्सीजन की जरुरत नहीं पड़ रही है. सांस फूलने की समस्या भी ओमिक्रोन के मरीजों में न के बराबर है. हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि लक्षणों में अंतर को और स्पष्ट रूप से समझने के लिए अधिक रिसर्च की जरुरत है.
हालांकि कुछ लोग ओमिक्रोन वेरिएंट को बिल्कुल हल्के में ले रहे हैं. अभी हाल ही में डब्ल्यूएचओ के वरिष्ठ आपात अधिकारी कैथरीन स्मॉलवुड ने कहा था कि अब सावधानी बरतना बेहद जरूरी है. ओमिक्रोन संक्रमण की बढ़ती दर विपरीत प्रभाव डाल सकती है. ओमिक्रोन डेल्टा वेरिएंट से थोड़ा कम घातक है, लेकिन यह मौत का कारण बन सकता है. इससे पहले WHO के महानिदेशक टेड्रस अधनम घेब्रेयेसस ने चिंता जताते हुए कहा था कि डेल्टा के प्रकोप के दौरान ही ओमिक्रोन का ज्यादा संक्रामक होना मामलों की सुनामी लाने की आशंका दर्शाता है. ओमिक्रोन के मामले जब पहली बार सामने आए थे तो दक्षिण अफ्रीकी मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ एंजेलिक कोएत्ज़ी ने बताया था कि ओमिक्रोन वेरिएंट से संक्रमण हल्की बीमारी थी और मरीजों में कोई खास गंभीर लक्षण नहीं थे. लोगों ने गले में खराश और हल्के बुखार की शिकायत की थी जो कम वक्त में आसानी से ठीक हो गए थे.