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ये अदालत का काम नहीं...जब सुप्रीम कोर्ट ने कहा ऐसा, जानें पूरा मामला
jantaserishta.com
18 Nov 2022 11:54 AM GMT
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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक
टू चाइल्ड पॉलिसी का आदेश देने की मांग वाली याचिका।
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने देश में लगातार बढ़ रही आबादी को काबू में करने के उपाय के तौर पर दो बच्चों की नीति का आदेश देने की मांग वाली जनहित याचिका खारिज कर दी. याचिकाकर्ता ने अदालत में अलग-अलग दलीलें और तर्क देकर इस मामले की पेचीदगी बताने की कोशिश की. लेकिन अदालत ने याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया. अदालत ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि यह याचिका वापस लेने योग्य है.
देश में जनसंख्या नियंत्रण के कारगर उपाय की मांग के मामले में जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एएस ओक की पीठ के समक्ष याचिकाकर्ता वकील अश्विनी उपाध्याय ने लॉ कमीशन की रिपोर्ट का हवाला दिया था. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लॉ कमीशन इसे लेकर कैसे रिपोर्ट तैयार कर सकता है?
सुप्रीम कोर्ट ने देश में लगातार बढ़ रही आबादी से हो रहे नुकसान पर उपाध्याय की दलीलों के जवाब में कहा कि कोर्ट इसमें क्या कर सकता है? यह एक सामाजिक मुद्दा है. हम इसमें कुछ नहीं कर सकते.
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि हम हर स्तर पर जनसंख्या नियंत्रण के मुद्दे पर कदम उठा रहे हैं. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई से इनकार करते हुए कहा कि यह एक नीतिगत मामला है. इस पर नीति बनाना सरकार का काम है. हम इसमें क्या करें? कोर्ट कैसे आदेश पास करे कि जनसंख्या नियंत्रण कैसे हो.
पीठ ने कहा कि आप अपनी याचिका देखिए. आपने क्या-क्या मांग रख दी हैं. अब ये भी आपने ही लिखा है कि सरकार हर रविवार को जनसंख्या नियंत्रण दिवस घोषित कर दें.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हर मुद्दे पर हम हस्तक्षेप नही कर सकते. आप तो लोकप्रियता हासिल करना चाहते हैं. हमारा काम आपको पब्लिसिटी दिलाना नहीं है. हम नहीं सुनेंगे. अदालत के इस दो टूक जवाब के बाद उपाध्याय ने याचिका वापस ले ली.
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