भारत

ये जश्न का वक्त नहीं, जंग का वक्त है : संजय सिंह

Nilmani Pal
4 April 2024 1:17 AM GMT
ये जश्न का वक्त नहीं, जंग का वक्त है : संजय सिंह
x

दिल्ली। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह जेल से बाहर आ गए हैं. मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से उन्हें जमानत मिल गई थी. अब बुधवार को उनकी रिहाई हो गई. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर राउज एवेन्यू कोर्ट ने जमानत की कुछ शर्तें तय की हैं. संजय सिंह को दिल्ली-एनसीआर से बाहर जाने की अनुमति नहीं है. अगर जाते हैं तो बताना होगा. उनको पासपोर्ट भी जमा करना होगा. इतना ही नहीं, बाहर रहते हुए संजय सिंह केस को लेकर कोई टिप्पणी या बयान नहीं दे सकते. संजय सिंह को पिछले साल 4 अक्टूबर को ईडी ने गिरफ्तार किया था. उन्हें दिल्ली के कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अरेस्ट किया गया था. तब से ही संजय सिंह जेल में थे और करीब-करीब छह महीने बाद बाहर आए हैं. संजय सिंह को ऐसे वक्त जमानत मिली है, जब आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल इसी मामले में जेल भेजे गए हैं. केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था.

मंगलवार को जब सुप्रीम कोर्ट में संजय सिंह की जमानत पर सुनवाई चल रही थी, तब ईडी ने इसका विरोध भी नहीं किया. ईडी ने साफ कहा कि अगर संजय सिंह को जमानत दी जाती है, तो इससे उसे कोई ऐतराज नहीं है.

संजय सिंह की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस पीबी वराले सुनवाई कर रही थी. सुनवाई के दौरान बेंच ने ईडी की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू को बताया कि संजय सिंह के पास से कोई पैसा बरामद नहीं किया गया है और जो 2 करोड़ की रिश्वत लेने का आरोप है, उसकी जांच ट्रायल में हो जाएगी. कोर्ट ने कहा कि अगर संजय सिंह को मेरिट के आधार पर जमानत दी जाती है, तो प्रिवेन्शन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) की धारा 45 के तहत, प्रथम दृष्टया दिखाना होगा कि उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है. इसका असर केस के ट्रायल पर पड़ सकता है.

इसके बाद कोर्ट ने ईडी से पूछा कि क्या उन्हें संजय सिंह की कस्टडी की जरूरत है? इस पर एएसजी एसवी राजू ने कहा कि अगर संजय सिंह को जमानत दी जाती है तो इससे एजेंसी को कोई ऐतराज नहीं है. कोर्ट ने अपने लिखित आदेश में ये भी साफ किया कि संजय सिंह को मिली रियायत को नजीर की तरह न समझा जाए. इसका सीधा और साफ मतलब यही है कि इस आधार पर दूसरा आरोपी ऐसी ही राहत का दावा नहीं कर सकता.

Next Story