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लुटेरी दुल्हन ने दूल्हे को ऐसे लूटा, वारदात की कहानी ने पुलिस को किया हैरान
Shantanu Roy
2 April 2024 4:31 PM GMT
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दूल्हे ने बताई अपनी व्यथा
वाराणसी। वाराणसी में सोमवार को जोधपुर के युवक के साथ अजीबोगरीब घटना घटी। बनारस की युवती से शादी करने आया युवक ठगी का शिकार हो गया। और तो और उसके अरमान अधूरे रह गए। जिसे अपना जीवनसाथी बनाना था, वही चूना लगाकर चली गई। वाराणसी में शादी के बाद ससुराल जा रही दुल्हन ऑटो से कूदकर भाग गई। दूल्हा कुछ समझ पाता दुल्हन सारे गहने, नकदी लेकर दूसरे ऑटो से फरार हो गई। दूल्हा चिल्लाता रहा। इसके बाद दूल्हा रामनगर थाना पहुंचा और पुलिस को अपने साथ हुई ठगी की जानकारी दी। पुलिस लुटेरी दुल्हन की तलाश में जुटी हुई है।
जानकारी के मुताबिक, जोधपुर का रहने वाला युवक अपने 4 दोस्तों संग वाराणसी आए था। यूज़ एक परिचित व्यक्ति ने यूज़ शादी का झांसा दिया था। इससे पहले उसे लड़की की फोटो दिखाई, जब सहमति बनी, तो युवक को वाराणसी बुलाया गया। दुल्हन और उसके परिजनों से मुलाकात कराई गई। इसके बाद जब शादी हुई, तो सब रफूचक्कर हो गए। ठगी का शिकार हुए जोधपुर के रहने वाले दिनेश जैन ने बताया कि जोधपुर के ही रहने वाले मुकेश से उसकी जान पहचान है। मुकेश से कभी मिला नहीं, फोन पर ही बात होती थी। बात-बातों में मुकेश से शादी को लेकर बात हुई। मुकेश ने शादी कराने का भरोसा दिया।
दिनेश ने बताया, होली के बाद मुकेश का फोन आया कहा कि शादी के लिए तैयार रहना। जब कहूंगा काशी चले आना। मुकेश के कहने पर दिनेश 27 मार्च को अपने 4 दोस्तों के साथ वाराणसी आया। यहां स्टेशन के सामने एक होटल में ठहरा। मुकेश से फोन पर ही बात हो रही थी। इसी बीच 28 मार्च को दिनेश को वाराणसी के रामनगर थाना अंतर्गत पड़ाव क्षेत्र के सुजाबाद निवासी राम कुमार मिश्रा की बेटी दीपा मिश्रा की तस्वीर दिखाई गई। लड़की पसंद आ गई और अब मिलने की बारी आई। इसके बाद 29 मार्च को युवक दिनेश लड़की और उसके परिजनों से मिलने पहुंचे। जहां और भी लोग पहले से मौजूद थे जिन्हें लड़की का माता पिता और अन्य रिश्तेदार बताया गया। बताया कि 29 और 30 मार्च को वह लोग सुजाबाद स्थित लड़की के घर पर ही रुके। वहां लड़के और लड़की ने काफी देर तक बातचीत की। जब शादी की बात तय हो गई तो ज्यादा जांच-पड़ताल नहीं हुई।
लड़की पक्ष के ओर से अत्यंत गरीबी का हवाला देते हुए कहा गया कि कोर्ट से नोटेरियल शादी होगी। इसके बाद लड़की वालों ने कुछ पैसे मांगे। कहा कि शादी की तैयारी के लिए कुछ पैसे की आवश्यकता है। लड़के को लगा कि जब शादी तय हो गई है तो क्या दिक्कत? उसने लड़की के कथित परिजनों को 15 हजार रुपए दे दिए और होटल वापस आ गया। 31 मार्च को रविवार होने के कारण शादी नहीं हो पाई। 1 अप्रैल को शादी की तारीख निर्धारित की गई। पीड़ित युवक दिनेश ने बताया कि 1 अप्रैल को दोनों पक्ष शादी करने के लिए कचहरी पहुंचे। जहां दीपा के जानने वालों ने फर्जी दस्तावेज बनवाया और उसी पर मुझसे साइन करने को कहा गया। बोले कि इसी पर साइन कर दीजिए शादी मान्य हो जाएगी। कहा कि हम दोनों कोर्ट के अंदर गए ही नहीं न ही किसी वकील से मिले। युवती के जानने वालों ने दोनों से उस पेपर पर साइन कराया और बोले ये शादी अब मान्य हो गई है। युवती कानूनन अब आप की पत्नी हो गई है और आप दोनों घर जा सकते हैं।
दिनेश ने बताया कि कोर्ट में शादी के बाद हम सभी दो ऑटो पर सवार होकर सूजाबाद स्थित एक मंदिर में पहुंचे। जहां पहले से सभी व्यवस्था इन लोगों ने कर रखी थी। वहां जयमाला भी मंगाया गया था। हम दोनों ने एक-दूसरे को जयमाला पहनाई। उसके बाद मैंने उसकी मांग भरी और शादी संपन्न हो गई। हम दोनों की शादी हिंदू रीति-रिवाज से हुई। फिर हम ऑटो से वाराणसी स्टेशन के लिए निकले। तभी राजघाट स्थित मालवीय पुल से थोड़ा पहले उसके ऑटो के सामने एक ऑटो आकर रुका। इसके बाद दुल्हन ऑटो से कूदकर दूसरे ऑटो में बैठ गई। फिर, सभी तेजी से निकल गए। मुकेश, दुल्हन और उसके पिता को फोन किया लेकिन किसी का फोन नहीं लगा। इसके बाद मैंने पुलिस से शिकायत की है। दिनेश ने बताया, लड़की के घर वाले आर्थिक स्थिति खराब होने का हवाला देकर पहले 15 हजार रुपए लिए, फिर एक लाख रुपए लिए। शादी के आयोजन से पहले फिर से 80 हजार रुपए लिए। एसीपी कोतवाली अमित पांडेय ने बताया कि घटना की जानकारी के आधार पर जांच कराई जा रही है। पीड़ित ने फोटो और रजिस्ट्री की प्रति दी है, पुलिस और सर्विलांस टीम कार्रवाई में जुटी है।
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