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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक
प्रयागराज: श्रीकांत त्यागी के मामले के बाद चर्चा में आई नोएडा की ओमेक्स सोसायटी के फ्लैट मालिकों को बड़ी राहत मिली है. नोएडा अथॉरिटी ने सोसायटी के अंदर किए गए कुछ अवैध निर्माण को गिराने का ऑर्डर जारी किया था. इसके लिए मुनादी भी की थी. बस ध्वस्तीकरण की कार्रवाई को अंजाम दिया जाना था, लेकिन उससे पहले ही फ्लैट मालिकों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख किया और उन्हें राहत भी मिली. हाईकोर्ट ने फौरी तौर पर अथॉरिटी के आदेश पर स्टे लगा दिया है और अब मामले की अगली सुनवाई 20 अक्टूबर को होगी.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नोएडा की ओमेक्स सोसायटी (Omaxe Society) के फ्लैट मालिकों के कथित अवैध निर्माण को ध्वस्त करने वाले आदेश पर रोक लगाने के साथ ह राज्य सरकार और नोएडा अथॉरिटी से जवाब भी मांगा है. न्यायमूर्ति एम.के. गुप्ता और न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता मुकुल गुप्ता और 124 अन्य फ्लैट मालिकों की याचिका पर सुनवाई करते ये आदेश सुनाया है.
याचिकाकर्ताओं का कहना कि जिसे अवैध निर्माण कहा जा रहा है, वो कोई स्थायी निर्माण नहीं है. बल्कि बिल्डर के साथ एक करार के मुताबिक छह लाख रुपये जमा करने के बाद, वहां केवल टीन शेड ही लगाए गए हैं. नोएडा अथॉरिटी ने जो नोटिस भेजा, उसका जवाब भी दिया गया. लेकिन जवाब पर कोई विचार नहीं किया गया और अब कार्रवाई की जा रही है. अथॉरिटी के नोटिस के मुताबिक नोटिस स्थाई अवैध निर्माण हटाने का है, जबकि वहां स्थाई निर्माण है ही नहीं.
वहीं नोएडा अथॉरिटी का कहना है कि नोटिस के जवाब में याचिकाकर्ताओं ने कोई जवाब नहीं दिया है. इसलिए नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है. इस पर हाईकोर्ट ने पक्षकाराों से जवाब मांगा है.
दरअसल ग्रैंड ओमेक्स एसोसिएशन अपार्टमेंट मालिकों की शिकायत पर नोएडा अथॉरिटी ने अवैध स्थाई निर्माण को हटा लेने का नोटिस दिया था. इसकी मुनादी भी कराई गई थी और शुक्रवार को ध्वस्तीकरण की कार्रवाई होनी थी. लेकिन याचिका दाखिल कर कोर्ट से तुरंत कार्रवाई किए जाने की प्रार्थना की गई थी. कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद ध्वस्तीकरण की कार्रवाई पर रोक लगाकर यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया है. अब इस मामले की अगली सुनवाई 20 अक्टूबर को होगी.
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