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भारत में कोरोना की तीसरी लहर का कोहराम: अस्पतालों में तेजी से बढ़ने लगी है भीड़, अभी स्थिति काबू में, लेकिन...

jantaserishta.com
13 Jan 2022 11:02 AM GMT
भारत में कोरोना की तीसरी लहर का कोहराम: अस्पतालों में तेजी से बढ़ने लगी है भीड़, अभी स्थिति काबू में, लेकिन...
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Coronavirus Hospitalisation in India: देश में कोरोना के रोज मिलने वाले मरीजों का आंकड़ा अब डराने लगा है. देश में बुधवार को कोरोना के 2.47 लाख से ज्यादा नए मामले सामने आए. ये आंकड़ा इसलिए डराता है क्योंकि 26 मई के बाद देश में नए मामले 2 लाख के पार पहुंचे हैं. कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह नया वैरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) है.

ओमिक्रॉन को लेकर माना जा रहा है कि इसके लक्षण बहुत हल्के हैं और संक्रमितों को अस्पतालों में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ रही है. सरकारें भी इस बात का दावा कर रही हैं कि नए मामले जिस तेजी से बढ़ रहे हैं, उस तेजी से अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या नहीं बढ़ रही है. हालांकि, आंकड़े कुछ और ही बयां करते हैं.
आंकड़े बताते हैं कि अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ने लगी है. दिल्ली, मुंबई ही नहीं कई राज्यों में अब अस्पतालो में भीड़ बढ़ने लगी है.
दिल्ली के ही आंकड़े लें तो यहां के अस्पतालों में 2,264 कोरोना मरीज भर्ती हैं. एक दिन पहले 2,161 मरीज भर्ती थे. इससे एक हफ्ते पहले यानी 5 जनवरी को 708 कोरोना मरीज भर्ती थे. मुंबई में भी अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. मुंबई के अस्पतालों में 5 जनवरी तक 5,104 मरीज भर्ती थी. 12 जनवरी तक अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या बढ़कर 6,946 पहुंच गई. हालांकि, मुंबई में कुछ दिनों से अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या कम हो रही है.
दिल्ली और महाराष्ट्र के बाद पश्चिम बंगाल तीसरा राज्य है, जहां कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. कोविड बुलेटिन के मुताबिक, पश्चिम बंगाल में 12 जनवरी तक 3,527 कोरोना मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं. जबकि, 5 जनवरी को 2,228 मरीज अस्पताल में भर्ती थे. यानी, एक ही हफ्ते में अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या 58% बढ़ गई. पश्चिम बंगाल के बाद तमिलनाडु सबसे ज्यादा प्रभावित है. यहां 12 जनवरी तक 7,356 मरीज अस्पताल में भर्ती हैं, जबकि 5 जनवरी तक 4,315 कोरोना मरीज भर्ती थे.
अभी स्थिति काबू में, लेकिन बिगड़ भी सकते हैं हालात
- ओमिक्रॉन की वजह से आई तीसरी लहर में एक बात ने लोगों को लापरवाह कर रखा है. शुरू से ही ऐसा कहा जा रहा है कि ओमिक्रॉन गंभीर नहीं है और अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं है. अगर इससे संक्रमित भी हो जाते हैं तो कुछ ही दिन में घर पर रहकर ही ठीक हुआ ज सकता है.
- हालांकि, केंद्र सरकार का कहना है कि हालात बिगड़ते देर नहीं लगेगी. केंद्र सरकार ने दो दिन पहले कहा था कि देश में अभी नए मरीजों में से महज 5 से 10 फीसदी को ही अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ रही है. हालांकि, सरकार ने ये भी कहा था कि ये स्थिति तेजी से बदल भी सकती है. जिस तरह दूसरी लहर में अचानक से भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या बढ़ी थी. ऐसा ही तीसरी लहर में भी देखने को मिल सकता है.
- राजधानी दिल्ली में कोरोना की संक्रमण दर 26 फीसदी के पार पहुंच गई है. एक्सपर्ट का अनुमान है कि दिल्ली में पीक के समय एक दिन में 35 से 70 हजार तक मामले सामने आ सकते हैं. अधिकारियों का कहना है कि अगर 1 लाख मामले हर दिन आते हैं तो 28 हजार ऑक्सीजन बेड और 18 हजार आईसीयू बेड की जरूरत होगी.
- वहीं, अगर हर दिन 75 हजार मरीज आते हैं तो 21 हजार ऑक्सीजन बेड और 13,500 आईसीयू बेड की जरूरत होगी. इसी तरह अगर 50 हजार मामले हर दिन आते हैं तो फिर 14 हजार ऑक्सीजन बेड और 7,200 आईसीयू बेड की जरूरत पड़ सकती है.
- दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन का कहना है कि अभी मरीजों के भर्ती होने की दर बेहद कम है. सत्येंद्र जैन का कहना है कि 27 हजार मामले सामने आने के बाद भी अस्पताल में भर्ती होने वाली मरीजों की दर उतनी ही है, जितनी 10 हजार मामले सामने आने पर थी.
- महाराष्ट्र में भी अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या बहुत ज्यादा नहीं है. स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बताया कि इस समय 14% बेड पर मरीज भर्ती हैं. हालांकि, बुधवार को स्वास्थ्य अधिकारियों ने कैबिनेट को बताया कि महाराष्ट्र में जनवरी के आखिरी हफ्ते या फरवरी की शुरुआत में अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ सकती है.
क्यों इस बात को हल्के में नहीं लेना चाहिए?
- ज्यादातर लोग ओमिक्रॉन को हल्के में ले रहे हैं, लेकिन ऐसा नहीं है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से लेकर केंद्र सरकार तक इस बात को कई बार कह चुकी है कि ओमिक्रॉन को हल्के में लेना सही नहीं है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने तो ओमिक्रॉन और डेल्टा की सुनामी आने की चेतावनी भी दी थी.
- WHO की 'सुनामी' वाली चेतावनी अब सही होती भी दिख रही है. दुनियाभर में अब एक दिन में 20-25 लाख से ज्यादा नए संक्रमित सामने आ रहे हैं. WHO का कहना है कि ओमिक्रॉन और डेल्टा की वजह से जो सुनामी आएगी, उससे स्वास्थ्य व्यवस्था पर दबाव बढ़ सकता है.
- दुनियाभर में बढ़ते कोरोना मामलों से अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है. अमेरिका में ही इस वक्त 1.5 लाख से ज्यादा मरीज भर्ती हैं. Our World in Data के मुताबिक, फ्रांस में करीब 24 हजार, यूके में 20 हजार तो इटली में 19 हजार मरीज भर्ती हैं. फ्रांस में अभी जितने मरीज भर्ती हैं, लगभग उतने ही मरीज यहां पिछली लहर में भर्ती थे.
कोरोना का पीक अभी भी दूर
- कोरोना के पीक को लेकर अब भी एकमत राय नहीं है. अलग-अलग एक्सपर्ट की राय अलग-अलग है. अमेरिकी डेटा साइंटिस्ट भ्रमर मुखर्जी (Bhramar Mukherjee) का कहना है कि जनवरी के अंत तक भारत में पीक आ सकता है.
- अमेरिका के इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवोल्यूशन (IHME) के डायरेक्टर डॉ. क्रिस्टोफर मुर्रे ने भारत में इसी महीने पीक आने का अनुमान लगाया है. आईआईटी कानपुर की स्टडी भी कहती है कि जनवरी में ही पीक आ जाएगा और हर दिन करीब 4-8 लाख केस आएंगे.
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