कोरोना महामारी से सारा देश जूझ रहा है. ऐसे में एक बड़ी खबर महाराष्ट्र के अहमदनगर से आ रही है जहां जांच के दौरान 347 छोटे बच्चे कोरोना संक्रमित पाए गए है. इस खबर के बाद से चारों तरफ चिंता और बढ़ गई है. ऐसे में बाल चिकित्सकों और राज्य कोविड- 19 टास्क फोर्स ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से अपील की है कि राज्य में बच्चों को मॉनसून से पहले फ्लू का टीका लगाया जाए. क्योंकि कोरोना और फ्लू के शुरुआती लक्षण कुछ हद तक एक जैसे होते हैं. ऐसे में टास्क फोर्स का मानना है कि इस एहतियाती कदम से संभावित संकट की स्थिति को टालने में मदद मिलेगी.
इन्फ्लूएंजा एक श्वसन वायरल संक्रमण है. इसके लक्षण काफी हद तक कोरोना वायरस के संक्रमण से मिलते-जुलते हैं. इसके सामान्य लक्षण खांसी, सर्दी-जुकाम, हल्का बुखार , बदन दर्द आदि शामिल हैं.
बता दें कि पिछले दिनों काफी जोर शोर से ये बात उठी कि कोविड की तीसरी लहर आई तो बच्चों पर उसका कहर सबसे ज्यादा हो सकता है. इसके पीछे तथ्य ये दिया गया कि पहली लहर ने बुजुर्गों को अपना निशाना बनाया जबकि दूसरी लहर में युवा वर्ग निशाने पर रहा. इन दो लहरों में बच्चे अपेक्षाकृत महफूज रहे, लिहाजा ऐसा माना गया कि तीसरी लहर में शायद संक्रमण का शिकंजा मासूमों पर ना कस जाए.
इस चर्चा के बाद इंडियन एकेडमी ऑफ पेडियाट्रिक्स (IAP) ने सफाई देते हुए कहा कि बच्चों के मजबूत प्राकृतिक रोग प्रतिरोध क्षमता को देखते हुए ये आशंका निर्मूल साबित होगी. बच्चों को कुदरत ही ऐसी क्षमता देती है कि संक्रमण गंभीर नहीं होता, लेकिन उसकी उपेक्षा की जाए तो ये बढ़कर गंभीर हो सकता है. सोमवार को एम्स के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने आजतक के प्रश्न पर साफ किया कि अब तक के अनुभव के आधार पर कहा जा सकता है कि दो लहरों की तरह ही तीसरी लहर में भी बच्चों पर कोई गंभीर संक्रमण का शिकार होने की आशंका कम ही है, लेकिन माता-पिता और अभिभावकों को चाहिए कि वो बच्चों पर सुरक्षा घेरा बनाए रखें. साफा सफाई के साथ ही कोविड प्रोटोकोल के तमाम एहतियातों का सख्ती से पालन करें.