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शख्स को मरा हुआ समझकर भूल चूका था परिवार, फिर हुआ ये चमत्कार!

jantaserishta.com
9 Feb 2022 12:47 PM GMT
शख्स को मरा हुआ समझकर भूल चूका था परिवार, फिर हुआ ये चमत्कार!
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जानिए पूरा मामला।

नई दिल्ली: चार साल पहले लापता हुए एक वृद्ध को जहां मरा हुआ समझकर परिवार भूल चुका था असल में वो व्यक्ति कई सालों से जेल में बंद पाया गया. बिहार के मुजफ्फरपुर में कई सालों से जेल में बंद बंगाल के रहने वाले नूर मोहम्मद एक दिन अचानक लापता हो गए थे. परिवार ने काफी ढूंढने की कोशिश की लेकिन जब वो नहीं मिले तो उन्हें मरा हुआ मानकर निश्चिंत हो गए.

ऐसे में उस परिवार के खुशी का ठिकाना नहीं रहा जब एक वकील ने उसके परिजनों से संपर्क कर उन्हें नूर मोहम्मद के जीवित होने की जानकारी दी. इसके बाद नूर मोहम्मद के परिजन परिजन जेल आकर उनसे मिले और बेल की प्रक्रिया शुरू की गई.
बता दें कि नूर मोहम्मद को मुजफ्फरपुर के हथौड़ी थाने की पुलिस ने बच्चा चोरी के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था लेकिन परिजनों को इसकी कोई जानकारी नहीं थी, दूसरी तरफ परिजन नूर मोहम्मद को ढूंढ-ढूंढ कर थक गए थे लेकिन उसका कोई पता नहीं चला था.
इसके बाद जिला विधिक सेवा प्राधिकार ने मुजफ्फरपुर के वकील हेमा प्रवीण को नूर मोहम्मद के केस को देखने की जवाबदेही सौंपी थी. जैसे ही मुजफ्फरपुर की महिला वकील ने नूर मोहम्मद को उसके परिवार से मिलवाया सभी के चेहरे खिल उठे.
दरअसल करीब चार साल पहले बंगाल के मुर्शिदाबाद के रहने वाले मानसिक रूप से विक्षिप्त नूर मोहम्मद भटक कर मुजफ्फरपुर पहुंच गए थे . पुलिस ने बच्चा चोरी के आरोप में बंगाल के नूर मोहम्मद को जेल भेज दिया था. इसके बाद उनका अपने परिवार से कोई संपर्क नहीं हो पाया.
मामले का खुलासा तब हुआ जब हुआ जब जिला विधिक सेवा प्राधिकार ने वकील हेमा प्रवीण को मामले का पता लगाने की जिम्मेवारी सौंपी. वकील ने बताया कि DLSA (जिला विधिक सेवा प्राधिकार) ने उन्हें 3 महीने पहले नूर मोहम्मद के केस की पैरवी करने को कहा था. इसके बाद उन्होंने केस से संबंधित कागजातों को खंगाला.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से अपने पिता से बात करने के बाद नूर के बेटे जलील खान ने बताया कि पांच साल से मेरे पिता गायब थे. अब बहुत खुशी मिल रही है कि हमें अपने पिता की जानकारी मिल गयी है.
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