तमिलनाडु में कुन्नूर के पास बुधवार को हेलीकॉप्टर हादसे में देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत के साथ 11 अन्य अफसरों और जवानों की मौत हो गई। जनरल रावत के साथ वायुसेना के Mi-17V5 हेलिकॉप्टर में ब्रिगेडिर स्तर के अधिकारी से लेकर उनके सहयोगी सवार थे। दर्दनाक हादसे में ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह ही जिंदा बचे हैं, जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। वायुसेना ने बताया कि एमआई-17वी5 हेलीकॉप्टर में सीडीएस और 9 अन्य यात्री और चालक दल के चार सदस्य सवार थे।हेलिकॉप्टर हादसे में बिपिन रावत और मधुलिका रावत के अलावा ब्रिगेडियर एलएस लिद्दर, लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह, विंग कमांडर पीएस चौहान, स्क्वॉड्रन लीडर के सिंह, जेडब्ल्यूओ दास, जेडब्ल्यूओ प्रदीप ए, नायक गुरसेवक सिंह, नायक जितेंद्र कुमार, लांस नायक विवेक कुमार, लांस नायक साई तेजा और हवालदार सतपाल की मौत हुई है। हादसे में केवल ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह जिंदा बचे हैं। उनका वेलिंगटन में सेना के अस्पताल में इलाज चल रहा है।
वायुसेना ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कहा, ''बहुत ही अफसोस के साथ इसकी पुष्टि हुई है कि दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना में जनरल बिपिन रावत, श्रीमती मधुलिका रावत और 11 अन्य की मृत्यु हो गई है।'' वायुसेना ने कहा, ''जनरल बिपिन रावत डिफेंस सर्विसेज स्टॉफ कॉलेज के दौरे पर जा रहे थे जहां उन्हें शिक्षकों और छात्रों को संबोधित करना था।'' प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में सुरक्षा पर कैबिनेट समिति (सीसीएस) की बैठक में दुर्घटना से उत्पन्न स्थिति पर चर्चा की गई।
यह हेलीकॉप्टर दोपहर दो बजे के करीब कुन्नूर के निकट दुर्घटनाग्रस्त हो गया। वायुसेना ने कहा कि दुर्घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल रावत तीनों सेनाओं के महत्वाकांक्षी आधुनिकीकरण की योजना को लागू करने का काम देख रहे थे ताकि सशस्त्र बलों में समन्वय बनाया जा सके और उनकी लड़ाकू क्षमता को बढ़ाया जा सके।
जनरल रावत 17 दिसंबर 2016 से 31 दिसंबर 2019 तक भारतीय सेना के प्रमुख थे। उन्हें 31 दिसंबर 2019 को प्रमुख रक्षा अध्यक्ष नियुक्त किया गया। जनरल रावत, उनकी पत्नी और 11 अन्य के निधन पर सेना प्रमुख जनरल एम.एम. नरवणे और सेना के अन्य अधिकारियों ने शोक व्यक्त किया। सेना ने ट्वीट किया, ''जनरल बिपिन रावत का ओजस्वी एवं प्रेरणादायक नेतृत्व हमेशा हमारी यादों में रहेगा। भारतीय सेना उनके अमूल्य योगदान के लिए हमेशा ऋणी रहेगी।''