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दिल्ली सरकार ने नागरिक अधिकारियों को ट्रांसजेंडरों के लिए अलग शौचालय हैया कराने का निर्देश दिया है.
दिल्ली सरकार (Delhi Government) ने नागरिक अधिकारियों को ट्रांसजेंडरों के लिए अलग शौचालय (Toilets for Transgenders) मुहैया कराने का निर्देश दिया है. दिल्ली सरकार के सूत्रों ने बताया कि आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार ने अधिकारियों से कहा है कि विकलांग व्यक्तियों (PWD) के लिए उपलब्ध शौचालय की सुविधा ट्रांसजेंडर समुदाय के इस्तेमाल के लिए रखी जाए.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, दिल्ली सरकार ने कहा है कि फिलहाल इस तरह के शौचालयों का निर्माण तुरंत नहीं किया जा सकता है, इसलिए शहर के अलग-अलग हिस्सों में विकलांग व्यक्तियों (Disabled Persons) के लिए उपलब्ध मौजूदा सुविधाओं को ट्रांसजेंडर समुदाय (Transgender Community) के इस्तेमाल के लिए उपलब्ध किया जाना चाहिए.
ट्रांसजेंडर अधिनियम के तहत हैं ये प्रावधान
AAP सरकार की तरफ से जारी एक आदेश में कहा गया है कि ट्रांसजेंडर (अधिकार संरक्षण) अधिनियम, 2019 की धारा 22 के प्रावधानों के तहत, ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए पर्याप्त कल्याणकारी उपाय सुनिश्चित करने के मकसद से सभी सार्वजनिक भवनों, स्वायत्त निकायों (Autonomous Bodies), सार्वजनिक क्षेत्र के निगमों और दिल्ली सरकार के स्थानीय निकायों को अलग सार्वजनिक शौचालय की सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं.
2014 में सुप्रीम कोर्ट ने भी दिया था ऐसा ही निर्देश
जनवरी 2021 में, दक्षिण दिल्ली नगर निगम (NDMC) ने अपने वार्षिक बजट 2021-22 में अपने क्षेत्र में विशेष रूप से थर्ड जेंडर के लिए शौचालय बनाने की घोषणा की थी. एक रिपोर्ट में बताया गया था कि NDMC ने नई दिल्ली के शास्त्री भवन में थर्ड जेंडर के लिए एक ऐसा शौचालय बनाया है. परियोजना से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि NDMC ने ट्रांसजेंडरों के लिए शौचालय बनाने के लिए कुछ अन्य स्थानों की पहचान करने के लिए प्रक्रिया शुरू की है.
वहीं, साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने ट्रांसजेंडरों को तीसरे लिंग (Third Gender) के रूप में मान्यता दिए जाने के बाद इस मुद्दे की ओर शुरुआती कदम उठाया था और केंद्र और राज्यों को ट्रांसजेंडर लोगों के लिए अन्य सुविधाओं के साथ अलग-अलग शौचालय बनाने का निर्देश दिया था.
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