यूसीसी का पूरी तरह से विरोध रहेगा, मौलाना ने मस्जिद के बाहर लगाया बारकोड
यूपी। समान नागरिकता संहिता (UCC) का जहां देशभर के तमाम विपक्षी दल एकजुट होकर विरोध कर रहे हैं, तो वहीं इस्लामिक संस्था जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने भी इसका कड़ा विरोध शुरू कर दिया है. यूपी के बरेली में शुक्रवार को यौमे दुआ मनाते हुए जमीयत उलेमा ए हिंद ने बरेली की मस्जिद की दीवार पर यूसीसी के विरोध की बातों के साथ बारकोड (Bar Code) लगाया है. मुस्लिम लोगों से इस बारकोड को स्कैन करने को कहा गया है, जिससे वह यूसीसी के लिए अपना विरोध दर्ज करा सकें.
दरअसल, बरेली में जुमे की नमाज से पहले मस्जिद पर जमीयत उलेमा ए हिंद द्वारा मस्जिद के बाहर बारकोड लगाया गया है. नमाज अदा करने आने वाले नमाजियों ने बारकोड पर अपने मोबाइल से स्कैन कर समान नागरिकता संहिता पर ऐतराज जताया है. नफीस अहमद नाम के युवक का कहना है कि UCC शरीयत के खिलाफ है. हम इसका विरोध कर रहे हैं. हमारे संविधान में यह अधिकार दिया गया है कि सबको अपने तरीके से जीने का हक है.
मुक्ति मस्जिद के प्रमुख मौलाना मोहम्मद रफीक का कहना है कि यूसीसी का पूरी तरह से विरोध रहेगा. क्योंकि शरीयत में इस बात की इजाजत नहीं दी जाती. हर धर्म में अलग-अलग मजहब, कानून बने हुए हैं. हिंदू समाज में अलग कानून है, बुद्ध के अनुयायियों में अलग कानून है, ईसाई समाज में अलग कानून है, इसी प्रकार से इस्लाम समाज में ही अलग तरीके के कानून हैं. उन्होंने बताया कि शरीयत में साफ-साफ लिखा है कि महिला का हक जायदाद में बराबर का होगा. इसके अलावा कई हक भी शरीयत में दिए गए हैं, लेकिन लोग मानते नहीं हैं जो कि बहुत गलत है. मौलाना ने कहा कि देश की सुरक्षा को लेकर कानून बनना चाहिए. यूसीसी कानून मुस्लिम समाज के लिए बिल्कुल भी पसंद नहीं है सब इसके विरोध में हैं.