कांग्रेस नेताओं के बीच आपस में हुई बयानबाजी, अजय माकन ने कपिल सिब्बल को कहा - संगठन का अपमान न करें
कांग्रेस एक तरफ जहां अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष करती हुई दिखाई दे रही है तो वहीं दूसरी तरफ कई राज्यों में वह सियासी संकट के दौर से गुजर रही है. इस बीच, पंजाब में मचे बवाल से इतर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने पार्टी को असहज करने वाले कुछ सवाल उठाए हैं. सिब्बल ने कहा कि यह बिल्कुल स्पस्ट है कि हम 'जी हुजूर-23' नहीं हैं. हम बात करते रहेंगे और अपनी मांगों को दोहराते रहेंगे. सिब्बल ने संगठनात्मक चुनाव कराने की मांग की. इसके बाद पार्टी के एक अन्य नेता अजय माकन ने कपिल सिब्बल पर पलटवार किया है. इधर, अजय माकन ने कपिल सिब्बल के इन बयानों के बाद उन पर पलटवार किया है. माकन ने कहा- सोनिया गांधी ने कपिल सिब्बल को संगठनात्मक पृष्ठभूमि नहीं होने के बावजूद केन्द्रीय मंत्री बनना सुनिश्चित किया. पार्टी में हर किसी की बातें सुनी जा रही है. उन्होंने कहा कि सिब्बल और अन्य सभी से यह कहना चाहता हूं कि वे संगठन का अपमान न करें, जिसने उन्हें एक पहचान दी है.
कपिल सिब्बल ने कई नेताओं के पार्टी छोड़ने का उल्लेख करते हुए गांधी परिवार पर इशारों-इशारों में कटाक्ष किया कि ''जो लोग इनके खासमखास थे वो छोड़कर चले गए, लेकिन जिन्हें वे खासमखास नहीं मानते वे आज भी इनके साथ खड़े हैं.'' पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे के बाद पैदा हुई स्थिति को लेकर सिब्बल ने कहा कि इस सीमावर्ती राज्य में ऐसी कोई भी स्थिति नहीं होनी चाहिए जिसका पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और सीमापार के दूसरे तत्व फायदा उठा सकें. उन्होंने कहा, ''इस समय हमारे यहां अध्यक्ष नहीं है. हम जानते भी हैं और नहीं भी जानते हैं कि फैसले कौन कर रहा है.'' सिब्बल ने कांग्रेस नेतृत्व का आह्वान किया, ''कांग्रेस कार्य समिति की बैठक तत्काल बुलाई जाए ताकि इस पर चर्चा की जा सके कि पार्टी में क्या हो रहा है.''
उन्होंने गांधी परिवार पर इशारों-इशारों में तंज कसते हुए कहा, ''जो लोग इनके खासमखास थे वो तो इन्हें छोड़कर चले गए. जिन्हें ये खासमखास नहीं समझते हैं वे इनके साथ खड़े हैं. यह एक विडंबना है.'' सिब्बल ने कहा, ''जो कांग्रेसजन चले गए, वो साथ आएं. कांग्रेस ही इस देश के गणराज्य को बचा सकती है क्योंकि मौजूदा सरकार गणतंत्र को कमजोर कर रही है.'' सिब्बल उन 23 प्रमुख नेताओं में शामिल हैं जिन्होंने पिछले वर्ष कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कांग्रेस में संगठन चुनाव करवाने की मांग की थी. इन नेताओं में पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलामनबी आजाद भी शामिल थे.